Move to Jagran APP

दुबई में इंजीनियर की मौत, शव वतन लाने के लिए स्‍वजन परेशान Prayagraj News

ऐसे में जब 20 अप्रैल को संदीप की हृदयगति रूकने से मौत की खबर स्वजनों को मिली तो कोहराम मच गया। मां नीलों पांडेय पत्नी मोना व दो मासूम बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 09:18 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 09:18 PM (IST)
दुबई में इंजीनियर की मौत, शव वतन लाने के लिए स्‍वजन परेशान Prayagraj News
दुबई में इंजीनियर की मौत, शव वतन लाने के लिए स्‍वजन परेशान Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। पडोसी जनपद प्रतापगढ में कुंडा तहसील क्षेत्र के दशरथपुर गांव के रहने वाले एक इंजीनियर की दुबई में हार्ट अटैक से मौत हो गई। स्वजन अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए जमीन-आसमान एक कर दिए हैं। हालांकि दुबई से शव लाने की कवायद लॉकडाउन में फंस गई है। उन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिल पा रही है। यहां तक कि स्थानीय प्रशासन द्वारा नई दिल्ली जाने के लिए अभी तक पास नहीं उपलब्ध कराया जा सका। ऐसे में परेशान स्वजनों ने पीएमओ और गृह मंत्रालय को टिवट कर गुहार लगाई है। 

loksabha election banner

नवंबर में आए थे भारत

जिले के कुंडा तहसील क्षेत्र स्थित हथिगवां थाना क्षेत्र के टिकुरी दशरथपुर गांव निवासी इंद्र नारायण पांडेय मध्य प्रदेश में एसआई थे, जिनका पूरा परिवार प्रयागराज के मुंडेरा मंडी एचपी पेट्रोल पंप चौराहे के पास रहता है। इंद्र नारायण की मौत के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके इकलौते बेटे संदीप कुमार पांडेय पर आ गई थी। ऐसे में बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद संदीप अपने परिवार को छोड़कर वर्ष 2014 में दुबई नौकरी करने चले गए। 12 अक्टूबर 2019 को वह दुबई से अपने गांव आए थे, जिसके बाद दो नवंबर को फिर चले गए थे। ऐसे में जब 20 अप्रैल को संदीप की हृदयगति रूकने से मौत की खबर स्वजनों को मिली तो कोहराम मच गया। मां नीलों पांडेय, पत्नी मोना व दो मासूम बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है। दुबई में साथ गए चचेरे भाई अखिलेश पांडेय पुत्र बृज नारायण पांडेय ने बताया कि वह भी संदीप के साथ दुबई में नौकरी कर रहे थे।

परिजनों ने शव भारत लाने के लिए लगाई गुहार

वह संदीप के साथ घर आए थे, कुछ काम से रुक गए। उन्हें जब जाना हुआ तो देश में लॉकडाउन लग गया। इस वजह से वह दुबई नहीं जा पाए। संदीप के शव को दुबई से मंगाने के लिए नई दिल्ली जाने का प्रयास शुरू किया। एडीएम से मिलने पर नोएडा तक का पास मिल गया, मगर नई दिल्ली तक के लिए पास आवश्यक था। ऐसे में एडीएम शत्रोह्न वैश्य की तरफ से गृह सचिव को इस बारे में पत्र लिखा गया, लेकिन अभी उन्हें कोई पास नहीं मिल पाया है। नई दिल्ली में रहने वाले एक रिश्तेदार लगातार विदेश मंत्रालय जाकर शव लाने के बारे में प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.