Enemy Property: प्रयागराज में ढाई हजार करोड़ की शत्रु संपत्ति पर कब्जा, पहले मिलता था किराया, अब बंद
Enemy Property कई स्थानों पर की गई प्लाटिंग बनाए गए अपार्टमेंट संचालित हो रहे स्कूल-कालेज व मदरसेशत्रु संपत्ति पर विपत्ति। सदर फूलपुर करछना सोरांव में हैं ये संपत्तियां पुराने शहर में सबसे ज्यादा शत्रु संपत्ति। ढाई दशक पहले शहर में स्थित कुछ शत्रु संपत्तियों का मिलता था किराया
प्रयागराज, जागरण संवाददता, (ज्ञानेंद्र सिंह)। देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए लोगों की घोषित की गई शत्रु संपत्तियां रसूखदार लोगों के कब्जे में हैैं। यह कब्जा वर्षों से है। जिले में लगभग 2550 करोड़ रुपये की कीमत की इन शत्रु संपत्तियों पर कब्जे को लेकर कई बार लिखापढ़ी हुई मगर इन्हें कब्जा मुक्त नहीं कराया जा सका। पाकिस्तान जाने वाले लोगों की जमीन पर कब्जे होते गए और कब्जा करने वाले लोग मालिक बनते गए।
वर्तमान में केवल सदर तहसील क्षेत्र मेें 82 हेक्टेयर की 48 शत्रु संपत्तियों पर अवैध कब्जा है, जिसकी कीमत दो वर्ष पहले लगभग 2250 करोड़ रुपये आंकी गई थी। इसी तरह 36 हेक्टेयर की ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित शत्रु संपत्तियों की कीमत का आकलन लगभग 300 करोड़ रुपये किया गया है। सोरांव तहसील क्षेत्र में 40, फूलपुर में 26 तथा करछना में छह शत्रु संपत्तियां भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा सूचीबद्ध हैैं।
Enemy Property का मालिकाना हम सरकार के पास
दरअसल, शत्रु संपत्ति का मालिकाना हक भारत सरकार के गृह मंत्रालय के पास ही है। डीएम इसके उप अभिरक्षक होते हैैं। इस सूची के अलावा भी काफी शत्रु संपत्तियां बताई जाती हैैं, जिनका नामांतरण नहीं किया जा सका है। बताते हैैं कि कब्जा हो चुकी शत्रु संपत्तियों की भूमाफिया की ओर से प्लाटिंग कर दी गईं, जहां मकान और अपार्टमेंट बन गए हैैं। इन संपत्तियों पर स्कूल, कालेज, मदरसे, शादी घर तक बना दिए गए। एक स्थान पर तो सब्जी मंडी लगवाई जा रही है।
Enemy Property यहां है प्रयागराज में
शहर के रोशनबाग, रानी मंडी, अटाला, अकबरपुर निहालपुर, बेनीगंज, बक्शी बाजार, करेली, बमरौली इलाके में शत्रु संपत्तियों पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैैं। अफसरों-कर्मियों पर मिलीभगत की आशंकाआजादी के बाद बंटवारे के दौरान शहर से काफी संख्या में लोग पाकिस्तान चले गए। इन लोगों की परिसंपत्ति भारत में रह गई। पाकिस्तान चले गए लोगों की संपत्तियों पर धीरे धीरे कब्जे होते चले गए। बताते हैैं कि इन संपत्तियों के कब्जे में तहसील प्र्रशासन, पुलिस, पीडीए, नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप है। कई संपत्तियों के तो बैनामे तक हो चुके हैं।
शत्रु संपत्तियों को कब्जे से मुक्त कराने के लिए प्रयास शुरू करा दिया गया है। जल्द ही कार्र्रवाई होगी। भारत सरकार के पत्र के अनुसार जिले में कुल 120 शत्रु संपत्तियां सूचीबद्ध हैैं। कुंवर पंकज, मुख्य राजस्व अधिकारी