शॉपिंग मॉल व मल्टीप्लेक्स के शोरूम में सेवायोजन कार्यालय से नियुक्त होंगे कर्मी, होगा न्यूनतम वेतनमान Prayagraj News
शाॅपिंग मॉल मल्टीप्लेक्स के शोरूम के कर्मियों के लिए अच्छी खबर है। यहां अब मनमानी नहीं चलेगी और न ही कर्मियों का शोषण होगा। इनकी नियुक्ति सेवायोजन कार्यालय से होगी।
प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। शॉपिंग मॉल एवं मल्टीप्लेक्स के शोरूम में काम करने वाले कर्मचारियों को मनमर्जी से पैसा देकर काम लेने की व्यवस्था अब खत्म होगी। सरकार चाहती है कि इन कर्मचारियों पर भी न्यूनतम वेतनमान का तय निर्धारण लागू हो। इस तरह शोरूमों के लिए योग्य कर्मचारियों की तैनाती सेवायोजन कार्यालय की ओर से की जाएगी। चयन के लिए क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में रोजगार मेला लगाया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
कर्मचारी शोरूम संचालकों की मनमानी से भी छुटकारा पा सकेंगे
शॉपिंग मॉल में सरकार की मर्जी से कर्मचारियों को रखने की व्यवस्था से इनके लिए न्यूनतम वेतन का पालन हो सकेगा। साथ ही शोरूम संचालकों को कर्मचारियों की तलाश में भटकना भी नहीं पड़ेगा। और तो और, कर्मचारी शोरूम संचालकों की मनमानी से भी छुटकारा पा सकेंगे। सरकार की मंशा है कि जिन्हें नौकरी दी जाएगी, उन्हें नियम के मुताबिक न्यूनतम प्रति माह 8067 रुपये से कम पर न रखा जाए। प्रदेश सरकार योजना बना रही है कि अब यदि प्रदेश भर के शोरूमों के लिए कर्मचारियों की जरूरत होगी तो वह रिक्तियों का ब्यौरा संबंधित जिले के क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले में शोरूम संचालक लिखित परीक्षा और साक्षत्कार के बाद कर्मचरियों को आसानी से तलाश लेंगे। तीन श्रेणियों (अकुशल, अद्र्धकुशल और कुशल) वर्ग में कर्मचारियों को अलग-अलग वेतन भी संचालकों को देना होगा।
अप्रैल में जारी हो सकता है निर्देश
सूत्रों की मानें तो श्रम एवं सेवायोजन मंत्रालय में इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। मंत्रालय की ओर से प्रदेश के सभी सेवायोजन कार्यालय को अप्रैल में निर्देश जारी किया जा सकता है।
सेवायोजन की सहायक निदेशक ने कहा-बेरोजगारों को भी सहूलियत मिलेगी
रत्नाकर अस्थाना, सहायक निदेशक सेवायोजन की सहायक निदेशक रत्नाकर अस्थाना का कहना है कि अभी शासन से लिखित में ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है। हालांकि, तैयारी चल रही है कि मॉल के शोरूमों में सरकार की मर्जी से कर्मचारियों को रखा जाए। इससे मॉल या मल्टीप्लेक्स के शोरूम के संचालकों के साथ ही बेरोजगारों को भी सहूलियत होगी।