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इन्होंने तो तंबाकू से कर लिया तौबा, अब बारी है आपकी

स्वस्थ समाज बनाने की मुहिम में विकास भवन के 12 कर्मचारियों ने कंधे से कंधा मिलाया है। इन्होंने पान गुटखा खैनी व सिगरेट के सेवन से मुक्ति पा ली है। सीडीओ की पहल पर किया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 08:59 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 10:00 AM (IST)
इन्होंने तो तंबाकू से कर लिया तौबा, अब बारी है आपकी
इन्होंने तो तंबाकू से कर लिया तौबा, अब बारी है आपकी

प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह]।  मानव मन के लिए कुछ भी मुमकिन है। जी हां, मुश्किल कुछ भी नहीं। बस विकास भवन के 12 कर्मचारियों की तरह इच्छा शक्ति होनी चाहिए। आइएएस अफसर अरविंद सिंह की पहल पर इन कर्मचारियों ने तंबाकू से तौबा कर अपनी जिंदगी को खुशहाल बना लिया है। अब कई ऐसे लोग हैं जो तंबाकू को छोडऩा चाहते हैं लेकिन अभी तक नहीं छोड़ सके। उन्हें अपनी दृढ़ इच्छा को मजबूत करना होगा ताकि जल्द से जल्द वह स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकें।

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 सीडीओ की पहल व कर्मचारियों की मिसाल आमजन के लिए बनेगी प्रेरणा 

कहने को तो विकास भवन में लोक कल्याणकारी योजनाओं के संचालन लिए 27 सरकारी विभागों के दफ्तर हैं मगर इन कार्यालयों के 12 कर्मचारियों ने ऐसी मिसाल पेश की है, जो आमजन के लिए प्रेरणा बन सकती है। ये कर्मचारी पान, गुटखा, खैनी खाते थे। कई तो सिगरेट भी पीते थे। इनमें कई 30 साल से तो कई 22 और कुछ 18-19 साल से तंबाकू का सेवन करते आ रहे थे। सीडीओ बनकर आए आइएएस अफसर अरविंद सिंह ने विकास भवन की सीढिय़ों के कोने, शौचालयों व अन्य स्थानों पर पान व गुटखे की पीक देखा तो उन्होंने पान-गुटखा व खैनी खाने वाले कर्मचारियों को समझाया। 

नशा छोडऩे वाले कर्मी बोले, जिंदगी की बड़ी जंग जीत चुके हैं

विकास भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नरसिंह ने बताया कि इस पहल से कर्मचारियों में आत्मविश्वास बढ़ा है। ऐसी इच्छा शक्ति जागी कि उन्होंने तंबाकू का परित्याग कर दिया। कर्मचारी चंद्रशेखर ने बताया कि उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं। लेखाकार आरएन वर्मा का कहना है कि तंबाकू की लत छोडऩा, जैसे वह बड़ी जंग जीत गए हैं। अब जिंदगी में कुछ भी मुश्किल नहीं लगता है। उनका आत्मविश्वास जबरदस्त बढ़ गया है।  

इनके भी जीवन में नशा छोड़कर आई है खुशहाली

वहीं तेज बहादुर सिंह का कहना है कि अब उन्हें खाने का स्वाद मिलने लगा है। राकेश रत्न श्रीवास्तव ने बताया कि उनके जीवन में खुशहाली आ गई। काशीनाथ राम ने बताया कि माह में डेढ़ से दो हजार रुपये की बचत हो जाती है। अमरनाथ सिंह ने बताया कि उनका जीवन आनंदमय हो गया है। 

शीतला प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि परिवार ही नहीं दोस्त और रिश्तेदार भी तारीफ करने लगे हैं। अगर आप खुद केलिए जीना चाहते हैं, अपने परिवार के लिए और अपने बच्चों के लिए जीना चाहते हैं, तो आपको सिगरेट या तंबाकू की लत छोडऩे में कोई परेशानी नहीं होगी। 

बस दस दिन में हो जाएगी सामान्य हालत

स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अभिषेक झा का कहना है कि आमतौर पर तंबाकू, गुटखा, सिगरेट छोडऩे के बाद आपको दिन तक बेचैनी महसूस होती है। भूख न लगना, खांसी, सिरदर्द की दिक्कत आ सकती है मगर ये सभी परेशानियां 10-14 दिन में ही समाप्त हो जाती हैं और आप स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी की शुरुआत कर सकते हैं। 

दिल को प्रभावित करता है धूमपान

शुक्रवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस है। यह दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है। हर साल की तरह इस दिन तंबाकू खाने वाले लोगों को विशेष रूप से इसे छोडऩे की सलाह दी जाती है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या अभी भी कम है, जिन्होंने तंबाकू का सेवन पूरी तरह छोड़ दिया हो। पूरी दुनिया में तंबाकू के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही लोगों को इसके प्रति सचेत किया जा रहा है कि तंबाकू जीवन के लिए खतरनाक व जानलेवा है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि तंबाकू खाने व सिगरेट पीने से सांसों और फेफड़ों की बीमारियां हो सकती है, लेकिन दिल को भी यह प्रभावित करता है। 

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