जिला पंचायत अध्यक्ष पद के विवाद में फंसा कर्मचारियों का वेतन
जिला पंचायत के कर्मियों को पिछले वर्ष के दिसंबर माह से वेतन नहीं मिल रहा है। इससे उन्हें परिवार का खर्च चलना मुश्किल हो गया है। इसका कारण अध्यक्ष पद का विवाद बताया जाता है।
प्रयागराज : जिला पंचायत अध्यक्ष पद के विवाद में कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए हैं। चार महीने से वेतन न मिलने से कर्मचारियों को तमाम मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। आर्थिक तंगी की वजह से उन्हें परिवार का खर्च पूरा करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है विवाद
जिला पंचायत के अध्यक्ष पद को लेकर पिछले वर्ष से विवाद है। अब मामला कोर्ट में है। हालांकि, डीएम जिला पंचायत के नियंत्रक पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। फिर भी दिसंबर 2018 से करीब ढाई सौ कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। सुरेश कुमार, जयशंकर प्रसाद, विपिन बिहारी गुप्ता आदि कर्मचारियों का कहना है कि वेतन न मिलने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। परिजनों के बीमार होने पर दवा-इलाज नहीं करा पा रहे हैं। अब तो स्थिति यह होती जा रही है कि दो वक्त के भोजन का इंतजाम करना भी भारी पड़ रहा है। चार महीने से उधारी के कारण दुकानदार भी उधार सामान देने से मना कर दे रहे हैं।
अन्य देयकों का भी भुगतान अटका
जिला पंचायत के कर्मचारियों का कहना है कि पहले अध्यक्ष और अपर मुख्य अधिकारी के हस्ताक्षर से वेतन जारी होता था। डीएम के नियंत्रक पदाधिकारी बनने के बाद डीएम और अपर मुख्य अधिकारी के हस्ताक्षर से वेतन जारी होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अन्य देयकों का भी भुगतान अटका है।
जल्द वेतन का भुगतान होगा : डीएम
डीएम भानुचंद्र गोस्वामी का कहना है कि यह अधिष्ठान संबंधी मामला है। इसका परीक्षण कराकर जल्द वेतन का भुगतान कराया जाएगा।