श्रम कानून में बदलाव के खिलाफ हड़ताल पर रहे कर्मचारी संगठन
श्रम कानून में बदलाव सहित विभिन्न सरकारी नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय यूनियनें गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहीं। इनमें बैंक कर्मियों के अलावा अन्य कर्मचारी संगठन शामिल रहे। बैंकों में हड़ताल होने से करोड़ों रुपये का लेनदेन प्रभावित रहा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज: श्रम कानून में बदलाव सहित विभिन्न सरकारी नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल की। इसमें बैंक कर्मियों के अलावा कई अन्य संगठन के कर्मचारियों ने अपनी मांगों के लिए हुंकार भरी। बैंकों में हड़ताल के चलते करोड़ों का लेनदेन प्रभावित हुआ। वहीं, रेलवे की कुछ यूनियनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया।
एआइबीईए ने हड़ताल का आहवान किया था जिसमें जिले की यूनियन बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, ग्रामीण बैंक और सेंट्रल बैंक समेत कई अन्य बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए। सभी अधिकारी व कर्मचारी इंडियन बैंक (पूर्व में इलाहाबाद बैंक) की सिविल लाइंस शाखा पहुंचे। यहां यूपीबीईयू की प्रयागराज इकाई के अध्यक्ष मदनजी उपाध्याय की अध्यक्षता और टी.भट्टाचार्य के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया। बैंकों के निजीकरण रोकने, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सुदृढ़ कराने, विशाल कारपोरेट एनपीए को वसूलने, नियमित बैंकिंग कार्यो की आउटसोर्सिग रोकने, बैंकों में पर्याप्त भर्ती कराने, नई पेंशन योजना लागू कराने, महंगाई भत्ते से जुड़ी पेंशन देने सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को दोबारा सशक्त बनाने की मांग उठाई गई। कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। मदनजी उपाध्याय के मुताबिक, बैंक हड़ताल से 120 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित होने का अनुमान हैं।
प्रदर्शन करने वालों में संजय अग्रवाल, संजय कुमार, सुलभ टंडन, महेंद्र साहू, रमा खन्ना, पुष्कर श्रीवास्तव, राहुल खरे, नीरज वर्मा, उत्तम कुमार, मयंक मिश्रा, मनबोध त्रिपाठी, राज कपूर, मनीष श्रीवास्तव, कुलदीप राज, अरुण तिवारी, राजेश कनौजिया, रिक्की कौशल, दीप्ति सिंह, सोना देवी, गुड्डी देवी, अविनाश कुमार, सुधाशु वर्मा समेत सैकड़ों बैंककर्मी उपस्थित थे।
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एलआइसी कर्मचारियों ने रैली निकाल जताया विरोध
एलआइसी के कर्मचारी 'जीवन प्रकाश' बिल्डिंग के पास एकजुट हुए। वहीं रैली निकाल कर विरोध जताया। उधर नॉर्थ सेंट्रल जोन इंश्योरेंस इंप्लाइज फेडरेशन (उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड) के महासचिव राजीव निगम ने हड़ताल के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने एलआइसी में प्रस्तावित आइपीओ, श्रम कानून में संशोधन और सार्वजनिक क्षेत्र के विनिवेश से देश को होने वाले नुकसान की तरफ ध्यान आकर्षित कराया। क्लास वन यूनियन के अध्यक्ष जगमोहन मेहरोत्रा और अनुसूचित जाति-जनजाति के महासचिव आरपी कैथल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता अजय सचदेव ने की। संचालन अविनाश कुमार मिश्र ने किया।
इसके बाद दोपहर एक बजे रैली निकली गई। कर्मचारी एजी आफिस पहुंचे। यहां रैली सभा में तब्दील हो गई। इस सभा को रविशकर मिश्र, सुभाष पांडेय केंद्रीय श्रम संगठनों एटक से रामसागर व नसीम अंसारी, इंटक से देवेन्द्र प्रताप सिंह, सीटू से रविशकर मिश्र, माता प्रसाद पाल आदि ने संबोधित किया। एनसीआरएमयू ने जताया आक्रोश
नार्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन ने एआइआरएफ के फैसले के अनुसार गुरुवार को भोजनावकाश के समय सभी शाखाओं ने कार्यस्थलों व कार्यालयों पर सभाएं की। सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध किया गया। महामंत्री आरडी यादव ने कहाकि सरकार रेलवे, रक्षा, आयुध कारखानों, बंदरगाहों आदि को निजी हाथों में सौंपने पर आमादा है। उन्होंने आह्वान किया कि यूनियन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता 'रेल बचाओ-देश बचाओ' कमेटी का गठन शीघ्र करेंगे। इस मौके पर मुहिबउल्लाह, डीएस यादव, रामसिंह, एसपी यादव, सईद अहमद, मो. वाहिद, अक्षयबर मिश्रा, बिनय कुमार श्रीवास्तव, एके सिंह, अनिल कुमारआदि उपस्थित थे।
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हड़ताल के समर्थन में निकाला बाइक जुलूस
नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमेन और एनसीआरएस ने मोटरसाइलि जुलूस निकाला। एनसीआरईएस के महामंत्री आरपी सिंह ने कहा कि कोरोनाकाल में कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते के भुगतान व रिक्तियों के भरने पर रोक लगाना अन्याय है। संघ के सहायक महामंत्री सत्यानारायण व आलोक सहगल के नेतृत्व में बाइक जुलूस प्लेट फार्म नंबर छह से निकाला गया। इस मौके पर एसके सिंह, सत्यम गुप्ता, बीके यादव, एसके यादव, रामचंद्र, अनिल यादव, राकेश कुमार, सुरेंद्र तिवारी आदि उपस्थित थे।