Move to Jagran APP

प्रयागराज जनपद के आठ हजार लोग कौशांबी जिले का खा रहे राशन, आप भी जानें पूरा मामला

प्रयागराज में शामिल पांच गांव ऐसे हैं जो राजस्व तो प्रयागराज को दे रहे हैं लेकिन राशन से लेकर कुछ अन्य सुविधाएं कौशांबी से ले रहे हैं। ऐसे में सरकारी योजनाओं की सुविधा पाने के लिए कौशांबी के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 03:43 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 03:43 PM (IST)
प्रयागराज जनपद के आठ हजार लोग कौशांबी जिले का खा रहे राशन, आप भी जानें पूरा मामला
प्रयागराज में शामिल पांच गांवों के लोग कौशांबी का राशन ले रहे। पूर्ति विभाग मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजेगा।

प्रयागराज, जेएनएन। कौशांबी जनपद का राशन प्रयागराज जिले के आठ हजार लोग खा रहे हैं। यह है तो हैरानी की बात लेकिन पूर्णतया सत्‍य भी है। इसका कारण भी है। जनपद सृजन होने के बाद कौशांबी के कई गांवों को प्रयागराज में शामिल कर दिया गया है। इन गांव के लोगों को नया जिला तो मिला लेकिन सुविधाएं वे पुराने जिले से ही ले रहे हैं। ऐसे में कौशांबी जनपद के लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

loksabha election banner

प्रयागराज में शामिल पांच गांवों के लोग राशन कौशांबी से ले रहे

प्रयागराज में शामिल पांच गांव ऐसे हैं जो राजस्व तो प्रयागराज को दे रहे हैं लेकिन राशन से लेकर कुछ अन्य सुविधाएं कौशांबी से ले रहे हैं। ऐसे में सरकारी योजनाओं की सुविधा पाने के लिए कौशांबी के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। जिला पूर्ति अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि प्रयागराज जनपद के पांच गांव के जो लोग कौशांबी से राशन ले रहे हैं उसमें उमरपुर नीवा, विलासपुर, मीरपुर, छबीलेपुर व तालुका इब्राहिमपुर शामिल हैं। कहा कि इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। यदि इन गांव के लोगों को प्रयागराज से कार्ड जारी हो जाए तो लगभग कौशांबी के 8000 यूनिट का कार्ड बनाया जा सकता है।

7200 परिवारों का नहीं बना पा रहा राशन कार्ड

जिले की जनसंख्या के अनुपात से राशन कार्ड बनते हैं। शासनादेश के मुताबिक 80 फीसद लोगों को ही कार्ड जारी किया जा सकता है। ये आंकड़ा एक वर्ष पहले ही पूरा हो चुका है। कुछ अपात्रों को भी राशन कार्ड जारी किया गया है। ऐसे में 7200 परिवार लोग राशन कार्ड से वंचित हैं। चाहकर भी विभाग उन्हें राशन कार्ड जारी नहीं कर पा रहा। विभाग की ओर से शासन को पत्र भेजा गया है लेकिन अब तक यूनिट बढ़ाए जाने को लेकर स्वीकृत नहीं मिली है।

शासनादेश के अनुसार 80 फीसद यूनिट को ही राशन कार्ड जारी हो सकता है

शासनादेश के मुताबिक जिले की कुल जनसंख्या के सापेक्ष केवल 80 फीसद यूनिट को ही राशन कार्ड जारी किया जा सकता है। सरकार का ये मानना है कि 20 फीसद लोगों को राशन की जरूरत नहीं है। वर्तमान में 12 लाख 60 हजार यूनिट के राशनकार्ड जारी है। यह वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार है। इन दिनों जिले की जनसंख्या करीब 19 लाख पहुंच चुकी है, लेकिन कार्ड जारी करने के लिए शासन की ओर से लक्ष्य नहीं बढ़ाया गया है। ऐसे में पात्र होने के बाद भी लोगों को राशन कार्ड नहीं दिया जा सकता।

4500 प्रवासियों का रद हुआ राशन कार्ड

कोविड की पहली लहर में गैर जनपद से कोरोना संकट के दौरान घर लौटे करीब 4500 लोगों को अस्थायी राशन कार्ड पूर्ति विभाग की ओर से दो माह के लिए जारी किया गया था। वह एक वर्ष पहले ही निरस्त हो गया है। कार्ड रद होने के बाद पात्र व्यक्ति नया राशन कार्ड जारी कराने के लिए पूर्ति विभाग का चक्कर काट रहे हैं। इसकी रिपोर्ट भी जिला पूर्ति अधिकारी ने शासन को भेजी है, लेकिन अब तक शासन की ओर से इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया गया है।

जिला पूर्ति अधिकारी ने यह कहा

जिला पूर्ति अधिकारी कहते हैं कि 2011 की 16 लाख जनसंख्या को ही आधार मानकर राशन कार्ड जारी किया गया है। यह नीतिगत मामला है। सरकार के निर्णय के बाद ही नई जनसंख्या के अनुसार कार्ड जारी हो सकेंगे। इस संबंध में शासन को पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन नई जनसंख्या के अनुसार निर्णय लक्ष्य नहीं बढ़ाया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.