कुंभ के दौरान खरीदी गई थीं आठ स्वीपिंग मशीनें, अब पार्ट्स भी होने लगे गायब Prayagraj News
2.60 करोड़ की रोड स्वीपिंग मशीनें रखरखाव के अभाव में अब खराब होने लगी हैं। वहीं केंद्रीय कर्मशाला और वर्कशाप में खड़ी गाडिय़ोंं के कई पार्ट भी गायब हो गए हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कुंभ मेले के दौरान शहर की सड़कों को चमकाने के लिए 2.60 करोड़ की लागत से आठ स्वीपिंग मशीनें खरीदी गई थीं। ऑपरेटर न होने के कारण अब ये मशीनें धूल फांक रही हैं। इतना ही नहीं लीडर रोड स्थित नगर निगम के केंद्रीय कर्मशाला और करैला बाग के वर्कशाप में खड़ी मशीनों के कुछ पार्ट भी बदल दिए गए हैं।
नगर निगम ने चार जेसीबी और चार रोबोट खरीदा था
कुंभ मेले से पहले नगर निगम ने आठ रोड स्वीपिंग मशीनें (चार जेसीबी और चार रोबोट) खरीदी थीं। एक साल पहले एक ट्रक माउंटेड रोड स्वीपिंग मशीन भी खरीदी गई थी। नगर निगम ने जिस कंपनी से मशीनें खरीदी थीं, उसने छह महीने तक उनको चलाने के लिए अपने ऑपरेटर दिए थे। गाड़ी में जितना डीजल पड़ता था, नगर निगम उसे देता था। ऑपरेटर का खर्च कंपनी देती थी। छह महीने तक रोड स्वीपिंग मशीनों का संचालन किया गया। कंपनी के ऑपरेटर चले गए तो निगम ने दूसरे ऑपरेटरों से मशीनें चलवाईं। चूंकि ये चालक प्रशिक्षित नहीं थे, इसलिए मशीनें खराब होने लगीं। ब्रश को न बदलने से उसमें धूल जमा हो गई। मशीन ने धूल साफ करना बंद कर दिया तो नगर निगम ने मशीनों को केंद्रीय कर्मशाला और वर्कशाप में खड़ा कर दिया। वहां गाडिय़ों के टायर बदल दिए गए। रोबोट और जेसीबी के कई पार्ट निकालकर दूसरी गाडिय़ों में लगा दिए गए।
58 लाख की मशीनें पहले भी हो चुकी हैं खराब
नगर निगम ने 2007 के अद्र्ध कुंभ से पहले भी 58 लाख की रोड स्वीपिंग मशीनें खरीदी थी। देखभाल के अभाव में वह भी खराब हो गईं। इसके बाद उन्हें करैलाबाग स्थित वर्कशाप में लाकर खड़ा कर दिया गया।
टाटा मैजिक समेत कई गाडिय़ां हो चुकी हैं कबाड़
कुंभ के दौरान मेले के फंड से नगर निगम को पौने दौ सौ टाटा मैजिक खरीद कर दी गई थीं। उसमें से 10 फीसद से ज्यादा गाडिय़ां खराब हो चुकी हैं। केंद्रीय कर्मशाला और वर्कशाप में यह गाडिय़ां खड़ी हैं। कई नए ट्रैक्टर आज तक नहीं चले हैं।
खास बिंदु
-35-35 लाख रुपये खर्च करके मंगवाई गई थी जेसीबी रोड स्वीपिंग मशीन
- 30-30 लाख खर्च हुए थे एक-एक रोबोट मशीन पर
बोलीं महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी
महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी कहती हैं कि ऑपरेटर न होने पर अगर रोड स्वीपिंग मशीनें नहीं चलाई जा रही हैं तो शीघ्र भर्ती होगी। नगर निगम को गाडिय़ां इसलिए दी गई थीं कि शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार हो। प्रयागराज की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार हो मगर अधिकारियों की उदासीनता के कारण कोई काम नहीं हो रहा है।