Durga Puja : पूजा पंडाल हुए सूने, अश्रुपूर्ण नेत्रों से मां दुर्गा को किया विदा Prayagraj News
दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन परंपरागत ढंग से किया गया। विसर्जन शोभायात्रा में भक्तों का उल्लास दिखा तो वहीं प्रतिमाओं के विसर्जन की टीस भी नजर आई। पूजा पंडाल सूने हो गए।
प्रयागराज, जेएनएन। शारदीय नवरात्र की पंचमी पर पूजा पंडालों में स्थापित मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, स्वामी कार्तिकेय और श्रीगणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इसी के साथ दुर्गापूजा महोत्सव का समापन भी हुआ। विजयदशमी के अवसर पर निकाली गई विसर्जन शोभायात्रा में अबीर-गुलाल उड़ाते, ढोल-तासा की थाप पर नाचते-गाते भक्तों का उत्साह निराला रहा। पूजा पंडाल सूने हो गए और अश्रुपूर्ण नेत्रों ने भक्तों ने प्रतिमाओं को अंदावा स्थित बनाए गए तालाब के पानी में प्रवाहित किया। इस दौरान बारवारी कमेटियों के साथ ही हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ जुटी रही। वहीं शाम को पूजा पंडालों में पुष्पांजलि का आयोजन हुआ।
विसर्जन शोभायात्रा में नाचते-गाते भक्तों का उत्साह निराला
विजयदशमी के अवसर पर प्रात: पूजन और अर्चन के बाद दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारी शुरू हो गई थी। सिंदूर दान आदि धार्मिक कार्यक्रम के बाद विभिन्न वाहनों से शहर भर की बारवारी कमेटियों द्वारा दुर्गा प्रतिमाओं की विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई। रास्ते भर भक्त नाचते-गाते और अबीर-गुलाल उड़ाते उत्साहित रहे। विभिन्न मार्गों से होती हुई विसर्जन शोभायात्रा अंदावा पहुंची। वहां प्रशासन की ओर से बनाए गए कृत्रिम तालाब में प्रतिमाओं को प्रवाहित किया गया। अंदावा में काफी संख्या में भीड़़ रही।
हजारों की भीड़ वाला पूजा पंडाल सूना पड़ा
शारदीय नवरात्र की षष्ठी से दुर्गापूजा पंडालों में सुबह से लेकर देर रात तक चहल-पहल हो रही थी। प्रात:कालीन पूजन, प्रसाद वितरण, दोपहर में भोग मां को अर्पित होता था। वहीं भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटती थी। अंधेरा होने के बाद आरती का दौर शुरू होता है। देर शाम को परंपरागत ढंग से होने वाली आरती में सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट रही थी। ढोल की थाप पर मां की आरती के दौरान भक्तों का नृत्य भी आकर्षण का केंद्र बना रहा है। वहीं दुर्गापूजा बारवारी कमेटियों की ओर से आरती के बाद प्रसाद वितरण भक्तों में किया जाता है। वहीं रात में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। बांग्ला के साथ ही हिंदी नाटक, नृत्य नाटिका, विभिन्न प्रतियोगिताएं, धार्मिक आयोजन और देवी जागरण जैसे आयोजन लोगों की भीड़ जुटा रही है। कुल मिलाकर दुर्गापूजा पंडालों में आस्था, परंपरा और समर्पण का नजारा रहा।
अंदावा स्थित तालाब में मूर्ति विसर्जन हुआ
प्रशासन की ओर से अंदावा स्थित तालाब बनवाकर उसमें पानी भरवाया गया। यहीं पर मूर्तियों को प्रवाहित किया गया। सुरक्षा के लिए काफी संख्या में फोर्स मौजूद रही। दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारी सोमवार की सारी रात होती रही। पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, सिंचाई विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारी व्यवस्था में जुटे रहे। सिंचाई विभाग बाढ़ कार्य के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार और एसडीओ दिनेश त्रिपाठी भी डटे रहे। यहां मूॢत विसर्जन के लिए तीन जेटी बनाई गई है। प्रकाश की भी व्यवस्था है, क्योंकि रात तक मूर्तियों का विसर्जन होगा। बुधवार को भी मूर्तियों का विसर्जन होगा।
मांडा, भारतगंज की मूर्तियों का विसर्जन रानी के तालाब में
मांडा और भारतगंज की दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन राजापुर स्थित रानी के तालाब में बुधवार को होगा। नहवाई, चिलबिला और आसपास के गांवों की दुर्गा प्रतिमाएं महेवा कला गांव स्थित बाबा बूढ़ेनाथ मंदिर के पास स्थित तालाब में विसर्जित की जाएंगी। इसके पूर्व क्षेत्र की सभी दुर्गा प्रतिमाएं डेंगुरपुर घाट के पास बने अस्थाई तालाब में विसर्जित की जाती थीं लेकिन इस वर्ष बाढ़ आपदा के चलते डेंगुरपुर घाट के पास दलदल हो गया है। इसलिए प्रशासन ने रानी के तालाब और बाबा बूढ़ेनाथ के मंदिर के पास स्थित तालाब में मूर्ति का विसर्जन कराने का निर्णय लिया। बुधवार को मांडा और भारतगंज की दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन जुलूस निकलेगा। थानाध्यक्ष प्रिंस दीक्षित ने बताया कि जुलूस के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
प्रतापगढ़ और कौशांबी में भी दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन
पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ और कौशांबी के साथ ही ग्रामीण अंचल में भी दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इस दौरान दुर्गा प्रतिमाओं की विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई। फोर्स के साथ पुलिस व प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।