Move to Jagran APP

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में तबादलों से प्रयागराज में डाक्‍टरों व स्‍टाफ की कमी, एसआरएन अस्‍पताल पर बढ़ेगा लोड

प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (काल्विन अस्पताल) में डाक्टरों के 42 पदों में 26 खाली थे। उम्मीद थी कि जल्द ही कुछ डाक्टर मिल जाएंगे। पिछले दिनों हुए तबादलों में इस अस्पताल के पांच डाक्टर दूसरे जिले के लिए स्थानांतरित कर दिए गए जबकि मिले केवल तीन डाक्टर।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 11:39 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 11:39 AM (IST)
स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में तबादलों से प्रयागराज में डाक्‍टरों व स्‍टाफ की कमी, एसआरएन अस्‍पताल पर बढ़ेगा लोड
स्वास्थ्य विभाग में तबादलों का असर प्रयागराज में डाक्‍टरों व मेडिकल स्टाफ की कमी से मरीजों की परेशानी है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सरकारी सेवा या अन्य प्राइवेट लिमिटेड संस्थानों में कर्मचारियों अधिकारियों के तबादले संस्थान और जनता की बेहतरी के लिए होते हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग में पिछले दिनों हुए तबादले नुकसानदायक साबित हो रहे हैं। नुकसान भी दोहरा हुआ है। मंडलीय अस्पताल में तो डाक्टरों के साथ ही आफिस स्टाफ भी कम हो गए हैं। अस्पताल प्रशासन के सामने मुश्किल यह है कि कम हुए स्टाफ में जनता को संतुष्टि भरा उपचार दें भी तो कैसे।

loksabha election banner

काल्विन अस्‍पताल में डाक्‍टराें के 26 पद खाली थे, अब दो और कम : प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल में डाक्टरों के 42 पद हैं लेकिन इसमें 26 पद खाली चल रहे थे। उम्मीद थी कि जल्द ही कुछ डाक्टर मिल जाएंगे। पिछले दिनों हुए तबादलों में इस अस्पताल के पांच डाक्टर दूसरे जिले के लिए स्थानांतरित कर दिए गए जबकि मिले केवल तीन डाक्टर। एक सर्जन की पहले ही मौत हो चुकी है और एक अन्य सर्जन को दो अस्पतालों के विकल्प दिए जाने से काल्विन में उनकी तैनाती पर असमंजस है।

दांत के मरीजों के लिए चिकित्‍सक नहीं : काल्विन अस्पताल में दंत रोग विभाग तो खाली हो गया है। इसके दो डाक्टर और एक हाइजेनिक सहायक का तबादला हो गया है जबकि यहां के लिए कोई दंत चिकित्सक औऱ हाइजेनिक नहीं मिले। इसके अलावा अस्पताल के चार आफिस स्टाफ, स्टोर इंचार्ज का तबादला दूसरे जिले के लिए हो गया है। इस अस्‍पताल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्‍या में इलाज के लिए मरीज आते हैं।

क्‍या कहती हैं, काल्विन अस्‍पताल की प्रमुख चिकित्‍सा अधीक्षक : काल्विन अस्‍पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर इंदु कनौजिया ने कहा कि बदहाली पहले से अधिक हो गई है। संकट ज्यादा है। ऐसे में मैनेज करना मुश्किल साबित हो रहा है।

तेज बहादुर सप्रू बेली अस्‍पताल में सर्जन के चार में तीन पद खाली : कुछ ऐसी ही खराब हालत तेज बहादुर सप्रू (बेली अस्पताल) की भी है। इस अस्‍पताल में सीएमएस सहित चार डाक्टरों और कार्यालय स्टाफ के तबादले हुए लेकिन पहले से रिक्त पदों की पूर्ति नहीं हुई। बेली अस्पताल में सर्जन के चार पदों में तीन खाली हैं।

प्रयागराज मंडल के सबसे बड़े एसआरएन अस्‍पताल पर बढ़ेगा लोड : तबादलों से डाक्टरों की हुई कमी का विपरीत असर स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय पर पड़ेगा। यह मंडल का सबसे बड़ा अस्पताल है। जिला और मण्डलीय अस्पताल में डाक्टरों की संख्या कम हुई है तो सरकारी अस्पतालों में जाने वाले मरीजों के लिए एसआरएन ही एकमात्र विकल्प रहेगा।

क्‍या कहते हैं सीएमएस : मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर नानक सरन ने बताया कि निश्चित रूप से डाक्टरों की संख्‍या कम हुई है लेकिन मरीजों के उपचार में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्‍होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा प्रबंधन ऐसा किया जाएगा कि शहर के अस्पतालों पर ज्यादा लोड न पड़े।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.