प्रयागराज में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से फिर घाट से हटना पड़ा पुरोहितों व दुकानदारों को
इधर तीन रोज से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा था। बुधवार को रामघाट कालीघाट एवं अक्षयवट मार्ग तक गंगा का पानी पहुंच जाने के कारण तीर्थ पुरोहितों और दुकानदारों में अफरा-तफरी मची रही। तीर्थ पुरोहितों ने वहां से अपने तख्त आदि हटा लिए। दुकानदारों ने भी दुकानें हटा ली हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पिछले सप्ताह उत्तराखंड में हुई बारिश का असर यहां भी गंगा के जलस्तर पर पड़ा है। बुधवार को जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण संगम क्षेत्र के तीर्थ पुरोहितों और दुकानदारों को अपना सामान समेटना पड़ा। अभी दो महीने पहले भी बाढ़ की वजह से उन्हें घाट छोड़कर जाना पड़ा था। अभी करीब दो लाख क्यूसेक पानी और नरौरा बांध से छोड़े जाने की संभावना है। इसकी वजह से दो-तीन दिनों तक जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।
इधर तीन रोज से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा था। बुधवार को रामघाट, कालीघाट एवं अक्षयवट मार्ग तक गंगा का पानी पहुंच जाने के कारण तीर्थ पुरोहितों और दुकानदारों में अफरा-तफरी मची रही। तीर्थ पुरोहितों ने वहां से अपने तख्त आदि हटा लिए। दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें वहां से हटा ली हैं। हालांकि, पानी तेजी से आगे भी निकल जा रहा है क्योंकि यमुना के जलस्तर में वृद्धि नहीं है। सिंचाई विभाग के बाढ़ प्रखंड द्वारा तीन-चार दिनों बाद जलस्तर में कमी होने की आशंका जताई गई है। गुरूवार को भी जलस्तर कम नहीं हुआ है।
गंगा खेल मैदानों की हालत है बदतर
गंगा के किनारे बसी ग्राम पंचायतों में गंगा खेल मैदानों का निर्माण कराया गया। यहां, युवाओं की खेल गतिविधियां और ग्रामीणों के व्यायाम आदि की योजना को मूर्त रूप दिया जाना था। जिले में कुल 51 ग्राम पंचायत इसके तहत चयनित किए गए और गंगा खेल मैदान बनाये गए। मैदान का बंधीकरण, समतलीकरण मनरेगा योजना के तहत कराया गया और इसके लिए फंड भी मनरेगा योजना से लिया गया। लेकिन, समुचित देखभाल न होने व इसके क्रियान्यवन में लापरवाही से अब मैदानों का अस्तित्व ही संकट में है। गंगा किनारे ग्राम पंचायतों को ओडीएफ करने को लेकर शुरू की गई योजना के दौरान ही गंगा से सटे गांवों में खेल गतिविधियों के संचालन के लिए गंगा खेल मैदान की योजना शुरू की गई थी और इसके तहत 51 ग्राम पंचायत में खेल मैदान भी बनाए गए थे। अधिकांश स्थानों पर खेल गतिविधियों का क्रम भी शुरू हुआ लेकिन अव्यवस्था व देखरेख के अभाव में मैदानों पर खेल गतिविधियां अब ठप पड़ गई हैं। जिला युवा कल्याण अधिकारी शैलेश उपाध्याय ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर ही देखरेख आदि की जिम्मेदारियां हैं। युवक मंगल दल व महिला मंगल दल का गठन किया जा रहा है, इनके माध्यम से इन खेल मैदानों पर खेल गतिविधियों के संचालन होगा।