नहरों में पानी न आने से किसानों के सामने खेती किसानी को लेकर संकट
संसू तिलई बाजार (प्रयागराज)
नहरों में पानी न आने से किसानों के सामने खेती किसानी को लेकर संकट
संसू, तिलई बाजार (प्रयागराज) : जून का महीना बीतने को है, लेकिन मौसम के न आने से किसानों की ओर से तैयारी की गई नर्सरी सूखने लगी है। ऐसे में कुछ किसानों की ओर से मजबूरन निजी संसाधनों के जरिये धान की रोपाई शुरू की गई है। अधिकांश किसान आज भी मानसून के आस में आसमान की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं।
मऊआइमा में धान की अच्छी खासी पैदावार होती है। हरखपुर, अलावलपुर, जमखुरी, जोगीपुर, कटभर परवेजपुर, तिलई बाजार, घीनपुर, सराय केशव उर्फ बागी, विशम्भरपुर, दुबाही,रामनगर गंसियारी, सराय बदशाहकुली सहित दर्जनों गांवों में धान की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। किसानों की ओर से मई माह से लेकर 15 जून के दरमियान धान की नर्सरी तैयार कर लेते हैं। राम चरन, मुन्नीलाल, संतोष कुमार, अरविंद, शोहराब अली आदि किसानों ने बताया कि नहरों में पानी न होने के बावजूद किसी तरह निजी संसाधनों से नर्सरी तो तैयार कर ली गई है। जून बीतने वाला है अभी तक इलाके में मानसून की भी आमद नहीं हुई और न ही नहरों व माइनरों में ही पानी छोड़ा गया। जिससे तेज धूप के चलते खून पसीने से तैयार की गयी नर्सरी भी सूखने के कगार पर है।ऐसे में जहां खरीफ की अन्य फसलों की बुआई के लिए बारिश की प्रतीक्षा की जा रही है,वहीं धान की तैयार नर्सरी को बचाने के लिए कुछ स्थानों पर किसान नलकूपों व निजी संसाधनों से धान की रोपाई शुरू कर दिए हैं। किसानों का कहना है जब पानी की आवश्यकता नहीं रहती तो नहर व रजबहा पानी से लबालब रहते हैं, लेकिन खेती किसानी के समय सिंचाई विभाग इसके प्रति उदासीन रहता है। किसानों ने इलाके में स्थित नहरों व माइनरों में पानी छोड़े जाने की मांग की है।