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DRM Office Scam Case: सीबीआइ ने गबन के मामले में फिर प्रयागराज में पूछताछ की

DRM Office Scam Case डीआरएम कार्यालय में कार्मिक विभाग के कर्मचारियों के वेतन के नाम पर 1.45 करोड़ रुपये भेजे गए थे। इसमें एक करोड़ रुपये का गबन किया गया था। मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। पूछताछ के लिए सीबीआइ की टीम प्रयागराज आई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 04:23 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 04:23 PM (IST)
DRM Office Scam Case: सीबीआइ ने गबन के मामले में फिर प्रयागराज में पूछताछ की
प्रयागराज के डीआरएम आफिस में दो साल पुराने एक करोड़ रुपये के गबन मामले की जांच को सीबीआइ टीम पहुंची।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) प्रयागराज कार्यालय में एक करोड़ रुपये के गबन के मामले में सीबीआइ की टीम ने एकाउंट और पर्सनल विभाग के कर्मचारियों से पूछताछ की। सहायक कर्मिक अधिकारी लवकुश समेत कई से एक-एक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। जुलाई 2021 के बाद एक बार फिर से सीबीआइ की टीम के डीआरएम कार्यालय में आने पर रेल कर्मियों में खलबली मची रही।

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एक करोड़ रुपये के गबन का मामला

डीआरएम कार्यालय में कार्मिक विभाग के कर्मचारियों के वेतन के नाम पर 1.45 करोड़ रुपये भेजे गए थे। इसमें से एक करोड़ रुपये का गबन किया गया था। पैसे को अलग-अलग खाते में भेजा गया था, ताकि जांच होने पर मामला पकड़ में न आए। हालांकि गबन की जांच की जब परतें खुलना शुरू हुई तो धीरे-धीरे कई लोग इसकी जद में आ गए।

डीआरएम ने कहा कि सीबीआइ टीम को पूरा सहयोग दिया जा रहा

इस मामले में सीबीआइ ने लवकुश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। चार महीने पहले जब सीबीआइ आइ थी तो कई रेल कर्मियों से पूछताछ की थी। जो जानकारी पूछताछ में मिली थी। उसकी जांच पड़ताल की गई। उसके के आधार पर आगे की जांच हो रही है। इसी को लेकर एक बार फिर सीबीआइ टीम डीआरएम कार्यालय आई। डीआरएम मोहित चंद्रा का कहना है कि सीबीआइ मामले की जांच कर रही है तो पूछताछ के लिए आती रहती है। जांच टीम को पूरा सहयोग किया जा रहा है।

पूर्व में भी सीबीआइ टीम आ चुकी है

इससे पहले भी सीबीआइ टीम डीआरएम आफिस में आ चुकी है। आरपीएफ के एक इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच की गई थी। उसके उपरांत से नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। उच्च अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक कई के उपरात गाज भी गिर चुकी है। जब भी सीबीआइ की टीम डीाआएम कार्यालय आती है तो मामले को दबाने की पूरी कोशिश की जाती है ताकि इसकी जानकारी अन्य कर्मचारियों को न हो और कार्यालय में भय का माहौल पैदा न हो लेकिन ऐसा हो नहीं पाता।


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