ट्रक सहित सरकारी अनाज लेकर अपने घर पहुंच गया चालक, जानिए फिर क्या हुआ
सरकारी खाद्यान्न से भरा ट्रक सबलगढ़ ले जाने की बजाय चालक उसे लेकर अपने घर पहुंच गया। आधी रात में गश्त के दौरान पुलिस ने देखा तो ट्रक पर खाद्यान्न मौजूद था। पुलिस को संदेह हुआ तो ट्रक को कोतवाली लेकर आई।
प्रतापगढ़, जेएनएन। सरकारी खाद्यान्न से भरा ट्रक सबलगढ़ ले जाने की बजाय चालक उसे लेकर अपने घर पहुंच गया। आधी रात में गश्त के दौरान पुलिस ने देखा तो ट्रक पर खाद्यान्न मौजूद था। पुलिस को संदेह हुआ तो ट्रक को कोतवाली लेकर आई। मामले की जानकारी होने के बाद एसडीएम और सीओ भी कोतवाली पहुंचे। पूर्ति निरीक्षक के पहुंचने के बाद खाद्यान्न दूसरे वाहन से भेजा गया।
एफसीआइ गोदाम में निकला था ट्रक
बिहार ब्लाक के भावनपुर गांव के ललित मोहन गांव के कोटेदार हैं। उनके पास सबलगढ़ गांव का कोटा अटैच है। रविवार की शाम बिहार स्थित एफसीआई गोदाम से सबलगढ़ गांव का 146.10 कुंतल खाद्यान्न एक डीसीएम पर लादकर भेजा था। उधर चालक खाद्यान्न सबलगढ़ न ले जाकर डीसीएम को लेकर सीधे अपने घर बाबूगंज पहुंच गया। वहां ट्रक सड़क किनारे खड़ा कर कहीं चला गया। उधर रात करीब आठ बजे गश्त पर निकले कुंडा कोतवाल डीपी सिंह को खाद्यान्न से लदा डीसीएम सड़क के किनारे खड़ा मिला तो उनको संदेह हुआ। काफी खोजबीन के बाद जब चालक का पता नहीं चला तो पुलिस खाद्यान्न से लदे ट्रक को लेकर कोतवाली चली गई और मामले की सूचना एसडीएम को दी। एसडीएम और सीओ समेत आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और पूर्ति विभाग को मामले की जानकारी दी।
डीजल के पैसे लेने गया था चालक
सोमवार को मामले की जांच करने पूर्ति निरीक्षक मयंक चतुर्वेदी और क्षेत्रीय विपणन अधिकारी संजय सिंह पहुंचे। निरीक्षक मयंक के अनुसार कोटेदार ने बताया कि गेहूं की निकासी कर डीसीएम पर लादकर घर रवाना कर दिया था। फिर चावल की निकासी भी ट्रैक्टर से कराने के बाद वह खुद घर चला गया। चावल तो घर पहुंच गया, लेकिन गेहूं नहीं आने पर वह परेशान हो उठा। उधर, चालक ने बताया कि उसकी गाड़ी में डीजल कम था। इसका पैसा लेने के लिए बाबूगंज गया हुआ था। वह पैसे लेने के लिए मालिक के पास गया था कि पुलिस उसकी गाड़ी लेकर थाने चली गई। विपणन अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि जितनी निकासी की गई थी, उतना खाद्यान्न गाड़ी पर लदा था। एक भी बोरी खाद्यान्न कम नहीं था। पुलिस ने डीसीएम को सीज कर दिया है। उस पर लदा खाद्यान्न उतरवाकर दूसरी गाड़ी से कोटेदार के घर भेजवा दिया गया।