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यमुनापार के कोरांव में पेयजल संकट गहराया, तालाब सूखे

गर्मी बढ़ने के साथ ही यमुनापार के पठारी इलाके में पेयजल समस्या विकराल हो गई है। कोरांव में आलम यह है कि लोग बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे हैं।

By Edited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 06:20 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 06:39 PM (IST)
यमुनापार के कोरांव में पेयजल संकट गहराया, तालाब सूखे
यमुनापार के कोरांव में पेयजल संकट गहराया, तालाब सूखे
प्रयागराज : गर्मी बढ़ते ही पठारी इलाकों में पेयजल समस्या विकराल हो गई है। लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। अभी अप्रैल का पहला पखवाड़ा भी नहीं बीता है और कुएं व तालाब सूख गए हैं। आलम यह है कि ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। स्कूली बच्चों को भी पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।

पठारी इलाकों में हर साल गर्मी में रहती है पेयजल समस्या
यमुनापार के पठारी इलाकों में यह समस्या हर साल की है। गर्मी आते ही यहां पानी के लिए युद्ध शुरू हो जाता है। जिन कुओं में थोड़ा बहुत पानी रहता है, वहां आधी रात से ही रस्सी बाल्टी लेकर लोग जुट जाते हैं। कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां पानी के लिए कई किलोमीटर की पदयात्रा करनी पड़ती है। कोरांव के टौगाकला के सरवन बस्ती, तिवारी टोला व बहियारी कला में कुल 95 हैंडपंप हैं पर वाटर लेवल नीचे चले जाने के बाद अब ये पानी देने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। कुछ में पानी आ भी रहा है तो रुक-रुककर।

चार किमी दूर से लाना पड़ रहा है पानी
कपुरी बढैया व कपूरी आदि गांव के लोगों को चार किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है। छढिगढा,पैतिहा, संसार पुर,बेलवनिया(जमुहरा नयी बस्ती व लतीफपुर), राजपुर,कूदर,बैदवार कला (मुशहर बस्ती),कुकरहटा(बितानी का पूरा), बड़ोखर, मस्जिद टोला, कालिकन बस्ती, पठान टोला, सुनार बस्ती, पथरताल, श्रीनगर पहाड़ी व महुली आदि गांव के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। पेयजल की समस्या से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। पानी के प्रबंध के लिए लोगों को सुबह से लेकर शाम तक परेशान होना पड़ता है। प्रशासन को इस इलाके के लोगों की समस्या नहीं दिखाई पड़ती है।

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