World Thalassemia Day : थैलेसीमिया रोग से पीडि़त बच्चों के लिए करिए रक्तदान Prayagraj News
रोग के होने पर शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण की प्रक्रिया ठीक से काम नहीं करती। बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है।
प्रयागराज,जेएनएन। लॉकडाउन में थैलेसीमिया से पीडि़त बच्चों को ब्लड नहीं मिल रहा है। ब्लड बैंक में रक्तदान न होने से रक्त की कमी हो गई है। सरोजनी नायडू चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में मौजूदा समय में करीब 40 बच्चे रजिस्टर्ड हैं जो थैलेसीमिया से पीडि़त हैं। इसमें कुछ ऐसे हैं जिन्हेंं माह में एक बार तो कुछ ऐसे हैं जिन्हेंं 15 दिन के अंतराल पर ब्लड की जरूरत होती है। यदि इन विषम परिस्थितियों में आप इन बच्चों के लिए रक्तदान करते हैं तो शायद उन्हेंं काफी राहत मिल सकती है।
बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रक्त-रोग है थैलेसीमिया
आठ मई को अंतरराष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर हम बीमारी से पीडि़त इन बच्चों की मदद कर सकते हैं। थैलेसीमिया बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रक्त-रोग है।
ठीक से काम नहीं करती है शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण की प्रक्रिया
इस रोग के होने पर शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण की प्रक्रिया ठीक से काम नहीं करती। बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है। सरोजनी नायडू चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. मुकेशवीर सिंह बताते हैं कि यह एक आनुवंशिक बीमारी है । माता -पिता इसके वाहक होते हैं। ऐसे बच्चों को जरूरत पर खून चढाना जरूरी होता है।
बचाव के उपाय
- खून की जांच करवाकर रोग की पहचान करना।
- शादी से पहले लड़के व लड़की के खून की जांच करवाना ।
- नजदीकी रिश्ते में विवाह करने से बचना।
- गर्भधारण से चार महीने के अंदर भ्रूण की जांच करवाना।