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चलते वाहन पर हेडफोन और मोबाइल का प्रयोग जानलेवा

मोबाइल व हेडफोन का प्रयोग करने से यह समझ में नहीं आता कि पीछे से कौन सा वाहन आ रहा है और वह हार्न दे रहा है या नहीं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 11:00 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 11:00 AM (IST)
चलते वाहन पर हेडफोन और मोबाइल का प्रयोग जानलेवा
चलते वाहन पर हेडफोन और मोबाइल का प्रयोग जानलेवा

प्रयागराज : जिले में हो रहे हादसों के पीछे कहीं न कहीं से हेडफोन व मोबाइल वजह बन रहे हैं। इसके बावजूद लोग वाहन चलाते समय इसका प्रयोग करने से बाज नहीं आ रहे हैं। यातायात नियमों में इयरफोन व मोबाइल का प्रयोग भी प्रतिबंधित माना जाता है।

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जनपद में लगातार हादसे हो रहे हैं। लोगों की जान जा रही है या फिर वह अपंगता का शिकार हो रहे हैं। यातायात नियमों की अनदेखी के चलते हो रहे हादसों पर रोक लगाने के लिए और जागरूक करने के लिए परिवहन व पुलिस विभाग के जिम्मेदार जागरूकता कार्यक्रम तो चलाते हैं। इसके बावजूद वाहन चालक इससे सबक नहीं ले रहे हैं। वाहन चलाते समय या फिर सड़क पर पैदल चलते समय मोबाइल व हेडफोन का प्रयोग करने से यह समझ में नहीं आता कि पीछे से कौन सा वाहन आ रहा है और वह हार्न दे रहा है या नहीं। यही लापरवाही व अनदेखी हादसे का सबब बन जाती है। तेज आवाज में न बजाएं म्यूजिक :

चार पहिया वाहन चलाते समय तेज आवाज में म्यूजिक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। कानफोड़ू म्यूजिक के चलते पीछे से आ रहे वाहनों की स्थिति का पता नहीं चल पाता। यदि कोई हार्न बजाकर ओवरटेक कर रहा है और तेज म्यूजिक में गाने बजाए जा रहे हैं तो पीछे से आ रहे वाहनों के बारे में जानकारी नहीं हो पाती है और हादसा हो जाता है। सह यात्रियों से न करें बातचीत :

चार पहिया वाहन हो या फिर दो पहिया गाड़ी, सफर के दौरान सहयात्री से बातचीत नहीं करना चाहिए। इससे चालक का ध्यान दूसरी ओर केंद्रित हो जाता है। अक्सर ऐसी परिस्थिति में भी हादसे होते रहते हैं। बातचीत के दौरान चालक दूसरी तरफ ध्यान देने लगता है। ऐसे में सामने से या फिर पीछे से आ रहे वाहनों के बारे सटीक निर्णय नहीं ले पाता और हादसा हो जाता है। जुर्माने का प्रावधान :

गाड़ी चलाते समय हेडफोन या फिर मोबाइल का प्रयोग करते पकड़े जाने पर कार्रवाई का भी प्रावधान है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 21(6) घ नियम संख्या 25 के तहत धारा 177 एमवी एक्ट में वाहनों का चालान किया जाता है। साथ ही पहली बार पकड़े जाने पर 100 रुपये या फिर दूसरी और इससे अधिक बार पकड़े जाने पर 300 रुपये जुर्माना वसूल किया जाता है।


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