Move to Jagran APP

यूपी बोर्ड में प्रभारी सचिव के रूप में दिव्यकांत शुक्ल ने संभाला कामकाज, नीना श्रीवास्तव सेवानिवृत्त

उत्तर प्रदेश की अहम संस्था यूपी बोर्ड में प्रभारी सचिव के रूप में दिव्यकांत शुक्ल ने कामकाज संभाल लिया है। अब तक सचिव रहीं नीना श्रीवास्तव सेवानिवृत्त हो गईं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 12:21 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 12:21 PM (IST)
यूपी बोर्ड में प्रभारी सचिव के रूप में दिव्यकांत शुक्ल ने संभाला कामकाज, नीना श्रीवास्तव सेवानिवृत्त
यूपी बोर्ड में प्रभारी सचिव के रूप में दिव्यकांत शुक्ल ने संभाला कामकाज, नीना श्रीवास्तव सेवानिवृत्त

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की अहम संस्था यूपी बोर्ड में प्रभारी सचिव के रूप में दिव्यकांत शुक्ल ने कामकाज संभाल लिया है। अब तक सचिव रहीं नीना श्रीवास्तव सेवानिवृत्त हो गईं। सचिव पद पर कार्य हस्तांतरण शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय की मौजूदगी में हुआ। बोर्ड व क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने निवर्तमान सचिव के कार्य व व्यवहार की सराहना की। बोर्ड में बदलाव का यह मौका तीन वर्ष बाद आया।

loksabha election banner

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी आदेश में 22 जून को ही तय हो गया था कि प्रयागराज के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक दिव्यकांत शुक्ल अगले प्रभारी सचिव होंगे। उसी दिन शुक्ल को यूपी बोर्ड में विशेष कार्याधिकारी के रूप में नियुक्त कर दिया गया था। ज्ञात हो कि सचिव नीना श्रीवास्तव की सेवानिवृत्ति 31 मार्च को ही होनी थी लेकिन, तब तक बोर्ड का हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट नहीं आया था। ऐसे में शासन ने उन्हें तीन माह का सेवा विस्तार दिया। उन्होंने तय समय में परिणाम घोषित किया और इसके बाद अन्य कार्य को पूरा कराने के लिए सेवा के आखिरी दिन तक लगी रहीं।

बोर्ड में कार्य हस्तांतरण के मौके पर शिक्षा निदेशक माध्यमिक पांडेय ने निवर्तमान सचिव को प्रतीक चिन्ह देकर विदा किया। सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने निवर्तमान सचिव के कार्य व व्यवहार की सराहना की। कहा कि कई ऐसे कार्य तय समय में हुए जो असंभव सरीखे थे। यहां पर अपर सचिव शिवलाल, प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिव शिव प्रकाश द्विवेदी, हरिशंकर शर्मा, सत्यनारायण चौरसिया, रामानुज दुबे आदि थे।

नए सचिव के समक्ष तमाम चुनौतियां : नए बोर्ड सचिव शुक्ल के समक्ष कई चुनौतियां हैं। सबसे पहले उन्हें 2020 के परीक्षार्थियों का डिजिटल अंकपत्र और फिर अंक सहप्रमाणपत्र समय पर उपलब्ध कराना होगा। इसके अलावा बोर्ड के वर्षों पुराने अभिलेखों को डिजिटल कराने की बड़ी चुनौती है, क्योंकि इसमें बड़े बजट की जरूरत है। इसके अलावा कई अधिकारी व कर्मचारी अभिलेखों की हेराफेरी में फंसे हैं उनकी जांच कराकर कार्रवाई करनी होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.