हंगामे की भेंट चढ़ी जिला पंचायत की बैठक, कई मुद्दे उछले
जिला पंचायत प्रतापगढ़ की बैठक हंगामेदार रही। बिना किसी नतीजे के बैठक संपन्न हो गई।
प्रयागराज : हर तीन महीने पर होने वाली जिला पंचायत प्रतापगढ़ की बहुप्रतीक्षित बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। स्थिति उस समय नियंत्रण से बाहर होती दिखी जब पिछली बैठक का हवाला देते हुए कई सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। पिछली बैठक में उठाई गई समस्याओं का निस्तारण सिरे से छूटा था। ऐसे में कई ने कहा कि सदन में नई समस्याओं को उठाकर उन्हें क्या मिलेगा। जिला पंचायत अध्यक्ष के काफी मान-मनौव्वल के बावजूद सदस्य नहीं पसीजे। सदन की यह बैठक बिना किसी नतीजे के ही समाप्त हो गई।
सदन की बैठक में पहला सवाल जिला पंचायत सदस्य अनीश ने उठाया। उन्होंने क्षेत्र के तिवारीपुर, मैनहा गांव में बिजली विभाग के एक कर्मचारी द्वारा उपभोक्ताओं से लाखों रुपये वसूली किए जाने का मुद्दा सदन में रखा। कई नजीर पेश करते हुए कनेक्शन आदि के नाम पर रैकेट चलने का आरोप लगाया। जिला पंचायत अध्यक्ष उमाशंकर यादव ने रानीगंज खंड के एक्सईएन अंकित को फटकार लगाते हुए संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने को कहा।
गैरहाजिर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को लेकर हंगामा
पहले ही सवाल से स्थिति बिगड़ गई, सदन में गैरहाजिर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। कई सदस्य एकसाथ उठे। एजेंडे को लहराते हुए दे डाली इस्तीफे की चेतावनी दी। आक्रोशित सदस्यों को ठंडा करने में पंचायत अध्यक्ष का पसीना छूट गया। सदस्य अमरपाल यादव ने पूर्व में की गई शिकायतों के निस्तारण को मुद्दा बना सदन में उछाला। कई सदस्य उनके साथ खड़े दिखायी दिए। सभी ने एकस्वर से कहा, अब शिकायत करने का कोई औचित्य नहीं रहा। क्षेत्र में विद्युत कनेक्शन धारकों के विरुद्ध विजिलेंस टीम द्वारा फर्जी एफआइआर दर्ज कराए जाने का विरोध हुआ। एक्सईएन राम सनेही ने इस समस्या के जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया।
45 मिनट देर से शुरू हुई बैठक
जिला पंचायत की बैठक में सदस्य के समय से सभागार में आकर अपने स्थान पर बैठ गए। आधे घंटे के इंतजार के बाद जब अध्यक्ष व जनप्रतिनिधि नहीं आए, तो इससे वह आक्रोशित होने लगे। सदस्यों की नजर सभागार गेट पर गड़ी रही। हालांकि 12:45 बजे अध्यक्ष आए। तब बैठक शुरू हुई। लेटलतीफी को लेकर सदस्यों में नाराजगी रही।
...तो सदन में नाश्ता करने आते हो
बैठक में मौजूद सदस्यों का गुस्सा प्रभारी सीडीओ पर फूट पड़ा, उन्हें यहां तक कह दिया कि लंबित प्रकरणों का निस्तारण जब नहीं करना है तो क्या सदन में नाश्ता करने आते हो। उन्होंने किसी तरह स्थिति संभाली और निस्तारण का आश्वासन देते रहे।
नदारद रहे जनप्रतिनिधि व अफसर
बैठक में अधिकांश अफसर व जनप्रतिनिधि गायब रहे। विधायक बाबागंज विनोद सरोज को छोड़कर बाकी के जनप्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुए। डीपीआरओ समेत कई अफसर भी बैठक में नहीं रहे। इसे लेकर सदस्यों में आक्रोश रहा। सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि जब बैठक में जनप्रतिनिधि व अफसर मौजूद नहीं होंगे तो हम लोग अपनी शिकायत किससे करेंगे। अध्यक्ष को चेताया कि जो भी जनप्रतिनिधि बैठक में नहीं आते हैं, उनका प्रस्ताव कदापि न शामिल किया जाए।