पूर्व ब्लाक प्रमुख का सेवा भारती के पदाधिकारी से चार करोड़ रुपये का था विवाद Prayagraj News
घूरपुर के घोघापुर गांव निवासी सपा नेता से ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के लिए टिकट को लेकर राजनैतिक प्रतिद्वंदिता चल रही थी। सपा नेता के ससुर भी कई बार चाका ब्लॉक के प्रमुख रह चुके थे।
प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्रा का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के अनुसांगिक संगठन सेवा भारती के जिला स्तरीय पदाधिकारी से करीब चार करोड़ को लेकर विवाद था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कभी नैनी निवासी पदाधिकारी व दिलीप मिश्रा एक साथ जमीन का कारोबार करते थे। जमीन की खरीद-फरोख्त में करोड़ों का लेनदेन भी हुआ करता था लेकिन बीच में पैसे का हिसाब गड़बड़ाने पर विवाद शुरू हो गया। कभी दिलीप मिश्रा उनसे पैसा मांगता तो कभी वह मांगते थे। हालांकि यह झगड़ा कभी खुलकर सामने भी नहीं आया था।
सपा नेता से ब्लॉक प्रमुख के टिकट को लेकर राजनैतिक प्रतिद्वंदिता थी
वहीं, घूरपुर के घोघापुर गांव निवासी सपा नेता से ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के लिए टिकट को लेकर राजनैतिक प्रतिद्वंदिता चल रही थी। सपा नेता के ससुर भी कई बार चाका ब्लॉक के प्रमुख रह चुके थे। उनके इंतकाल होने के बार पार्टी में विधानसभा क्षेत्र का काम देखने वाले सपा नेता ने ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। जबकि दिलीप मिश्रा अपने बेटे के लिए तैयारी में लग गए थे। दोनों ही समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। ऐसे में सपा नेता को रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया गया था।
दो करोड़ रुपये की सुपारी देने की चर्चा
सपा नेता के रिश्तेदार दिलीप के घर के सामने रहते हैं और उन्होंने आलीशान मकान बनवाया है। इसको लेकर भी अंदरूनी तौर पर ईर्ष्या हो रही थी। हत्या की सुपारी देने का कारण पुलिस अधिकारी यही बता रहे हैं। हालांकि सुपारी कितने की दी गई थी, यह साफ नहीं हो सका है, लेकिन दो करोड़ रुपये की चर्चा है।
पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा को भेजा जेल
एक सपा नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अनुसांगिक संगठन सेवा भारती के जिला स्तरीय एक पदाधिकारी की हत्या की सुपारी देने के आरोपित पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्रा को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। शुक्रवार को लवायन कला गांव से उसे क्राइम ब्रांच और औद्योगिक थाने की पुलिस ने पकड़ा। शाम को कोर्ट में पेश करने के बाद नैनी जेल भी भेज दिया गया। उसके कब्जे से फर्जी नंबर वाली एक कार, दोनाली बंदूक और चार कारतूस बरामद हुए हैं। कुछ अन्य युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है। कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर एक दशक पहले रिमोट बम से हुए हमले में भी दिलीप मिश्रा का नाम सामने आया था।
पूर्व ब्लाक प्रमुख का बेटा व शूटर पहले ही पुलिस हिरासत में हैं
इससे पहले पुलिस ने दिलीप के बेटे शुभम मिश्रा और सुल्तानपुर से एक लाख के इनामी खान मुबारक गैंग के शूटर नीरज उर्फ अखंड प्रताप सिंह को असलहों के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा है कि पूछताछ के बाद जब दिलीप की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई, तो वह पुलिस पर फायरिंग करते हुए भाग निकला था। हालांकि उसकी गिरफ्तारी को लेकर गुरुवार सुबह से रात तक चर्चा होती रही कि भदोही से पकड़कर पूछताछ की जा रही है, लेकिन किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की। फिलहाल शुक्रवार को पुलिस ने औद्योगिक थाने में आम्र्स एक्ट, धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करते हुए दिलीप मिश्रा की गिरफ्तारी दिखाई।
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी पर रिमोट बम से हमले में भी भूमिका थी
अलग-अलग थाने में दिलीप के विरुद्ध 46 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। साल 2010 में बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर बहादुरगंज में रिमोट बम से हमला हुआ था। हमले को लेकर पुलिस की जांच में दिलीप की भूमिका सामने आई थी। पुलिस का कहना है कि घूरपुर निवासी एक सपा नेता से राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता और नैनी के सेवा भारती के पदाधिकारी से करोड़ों रुपये के विवाद को लेकर ही हत्या की सुपारी दी गई थी। औद्योगिक क्षेत्र में लवायन कला गांव निवासी दिलीप मिश्रा चाका का ब्लाक प्रमुख रहा है। उसकी पत्नी गांव की प्रधान है और बेटा शुभम स्कूल का संचालक है, जिसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।