दंडी संन्यासियों के बीच खत्म हुई तकरार, दोनों गुटों ने खेली होली Prayagraj News
शिविर मठ मछली बंदर में होली मिलन का आयोजन रखा। इसमें स्वामी ब्रह्माश्रम और परिषद के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम को भी बुलाया। शिविर में मंच पर सभी ने फूलों व गुलाल से होली खेली।
प्रयागराज,जेएनएन। माघ मेला क्षेत्र के दंडी स्वामी नगर में स्थित मठ मछली बंदर में शनिवार को दंडी संन्यासियों ने फूलों व गुलाल की होली खेली। पिछले दिनों अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति में हुई फूट के बाद बने एक अलग संगठन अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद ने भी इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। गिले शिकवे दूर करने पर दोनों संगठनों के प्रमुखों ने हामी भरी।
समिति की सत्ता को लेकर लंबे समय तक चला दोनों गुटों में विवाद
दंडी स्वामी नगर में समिति की सत्ता को लेकर दो गुटों में विवाद लंबे समय तक चला। पिछले दिनों स्वामी ब्रह्माश्रम के नेतृत्व में बने एक अलग संगठन अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद ने इस विवाद को और हवा दे दी। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष स्वामी विमल देव ने स्वामी ब्रह्माश्रम सहित आठ लोगों को समिति से निष्कासित किया। यहां तक कि स्वामी ब्रह्माश्रम पर शिविर में महत्वपूर्ण कागजात घुसकर चोरी करने का आरोप भी लगाते हुए पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। यह मामला चल ही रहा था कि अचानक दोनों गुटों में अंदरखाने मिलाप हो गया। शनिवार को स्वामी विमल देव ने अपने शिविर मठ मछली बंदर, में होली मिलन का आयोजन रखा। इसमें स्वामी ब्रह्माश्रम और परिषद के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम को भी बुलाया। शिविर में मंच पर सभी ने फूलों व गुलाल से होली खेली।
कभी-कभी मतभेद हो जाता है लेकिन नहीं है मन भेद
स्वामी विमल देव आश्रम ने कहा कि स्वामी वासुदेवानंद को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट में सदस्य बनाए जाने की खुशी जताने के लिए होली मिलन का आयोजन किया गया है। संरक्षक स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि दंडी समाज में किसी भी प्रकार कर मन भेद नहीं है। कभी-कभी मतभेद हो जाता है, लेकिन दंडी संन्यासी एक हैं। इस अवसर पर स्वामी राजेश्वराश्रम, स्वामी प्रकाश आश्रम, स्वामी प्रणव आश्रम, स्वामी गोविंद आश्रम सहित अन्य दंडी संन्यासी मौजूद रहे।
दिलों में कसक अभी बाकी
दंडी स्वामियों में चल रहे द्वंद्व के चलते दोनों गुटों में खिंचाव कम करने की जुगत शनिवार को होली मिलन के जरिए जरूर लगाई गई, लेकिन दिलों में कसक बाकी रह गई। आयोजक ने जिसे चाहा आमंत्रित किया, कुछ पदाधिकारियों से बैर बरकरार रहा। ऐसे पदाधिकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। वहीं कार्यक्रम में शामिल अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के एक बड़े पदाधिकारी के चेहरे पर मन भेद कायम रहने की झलक भी दिखी।