हरीभरी का काम ठीक न होने पर नाराजगी
थोक अपशिष्ट उत्पादकों की बैठक में सोमवार को अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास ने हरीभरी का काम ठीक न होने से नाराजगी जताई। बरात घरों से अनुबंद करने के लिए उन्होंने निर्देश दिए। साथ ही पॉलीथिन का प्रयोग न करने की अपील की।
जासं,इलाहाबाद: अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास की अध्यक्षता में सोमवार को थोक अपशिष्ट उत्पादकों की बैठक हुई। इसमें कई उत्पादकों ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली एजेंसी हरीभरी को फेल करार दिया। अपर नगर आयुक्त ने एजेंसी का काम ठीक न होने और बरात घरों से अनुबंध न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने तत्काल अनुबंध के निर्देश दिए।
अपर नगर आयुक्त ने बरात घर संचालकों से उनके प्रतिष्ठान में निकलने वाले कचरे के प्रबंधन के बारे में जानकारी लीं। संचालकों ने बचे खाने को सुबह पशुपालकों और एक संस्था को देने की बात कहीं। अपर नगर आयुक्त ने उस संस्था का नाम व मोबाइल नंबर मांगा, ताकि अन्य जगहों पर उसकी सेवाएं ली जा सकें। संचालकों से अपने प्रतिष्ठानों में इको मशीन लगाने की अपेक्षा कीं। निगम के स्वच्छता ब्रांड अंबेस्डर संजीव त्रिपाठी ने सूखे-गीले कूड़े का अंतर बताया। उन्होंने पॉलीथिन और प्लास्टिक के बने बर्तनों का इस्तेमाल करने की अपील करते हुए इसके नुकसान बताए। बैठक में पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा, कुंदन गेस्ट हाउस से अशोक दुग्गल, हीरा वाटिका से लव वर्मा, शगुन पैलेस से सैय्यद आदिल आदि शामिल रहे। संचालकों को दें सफाई की जिम्मेदारी
लक्ष्मी नारायण वाटिका के प्रतिनिधि ऋषि अग्रवाल ने कचरे से कंपोस्ट बनाने के लिए प्रतिष्ठान में बायो डाइजेस्टर मशीन लगाने की जानकारी दी। शगुन निलयम के प्रतिनिधि उपहार जायसवाल ने प्रतिष्ठान के सामने अस्थायी डंपिंग स्थल बनाने से होने वाली गंदगी का जिक्र किया। सुझाव दिया कि बरात घरों के प्रतिनिधियों को प्रतिष्ठानों के आसपास सफाई की जिम्मेदारी दी जाए। चौधरी गार्डेन के प्रतिनिधि ने अनुबंध के बावजूद हरीभरी द्वारा समय से कूड़ा न लेने का मुद्दा रखा। इसके अलावा अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी सुझाव दिए।