प्रयागराज में पर्यावरण संतुलन के लिए मंथन, लापरवाही से होने वाले दुष्प्रभाव के साथ बचने के उपाय भी बताए
पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के काशीप्रांत के संयोजक कृष्ण मोहन ने कचरे के दुष्प्रभाव के बारे में विद्यार्थियों को बताया। कहा कि प्लास्टिक जमीन को बंजर जलाने पर जहरीली गैस का उत्सर्जन करती है। इससे विभिन्न रोग पनपने लगते हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में पर्यावरण संतुलन को बनाने की चिंता नजर आ रही है। इसी क्रम में
अंकित विद्या निकेतन इंटर कॉलेज, अरैल में 'संजीवनी' की ओर से पर्यावरण जागरूकता संगोष्ठी और इको ब्रिक्स निर्माण प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें पर्यावरण संतुलन के लिए वक्ताओं ने मंथन किया। लापरवाही बरतने पर होने वाले दुष्प्रभाव के साथ ही इससे बचने का तरीका भी बताया गया।
संगोष्ठी में अंकित विद्या निकेतन इंटर कॉलेज के उप प्रधानाचार्य विद्याशंकर मिश्र ने प्रकृति वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्य अतिथि पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के काशीप्रांत के संयोजक कृष्ण मोहन ने कचरे के दुष्प्रभाव के बारे में विद्यार्थियों को बताया। कहा कि प्लास्टिक जमीन को बंजर, जलाने पर जहरीली गैस का उत्सर्जन करती है। इससे विभिन्न रोग पनपने लगते हैं। उन्होंने कहा कि इसका एक ही विकल्प है, इसे ईको ब्रिक्स बनाया जाए। इसके अलावा खिलौने, चबूतरा, पार्क, बाउंड्रीवाल, किचेन गार्डेन समेत अन्य सजावट वाली चीजें बनाई जा सकती हैं।
पर्यावरण का संतुलन बनाना बेहद जरूरी है : संतोष
मुख्य वक्ता सामाजिक संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ के मुख्य संयोजक संतोष गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण का संतुलन बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने वर्षा जल संचयन पर विशेष जोर दिया। कहा कि प्रत्येक घर में और प्राकृतिक जलस्रोतों में वर्षा जल संचय की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि इविवि के प्रोफेसर डॉ. रोहित मिश्र ने जैविक खेती अपनाने और जीवनदायिनी गंगा के तटीय इलाकों में जल स्रोतों में आर्सेनिक व रसायन मिलने पर चिंता व्यक्त की। प्रबंधक अनिल मिश्र ने सभी विद्यार्थियों को पर्यावरण मित्र बनकर कम से कम 10 घरों में ईको-ब्रिक्स निर्माण के लिए लोगों को जागरूक करने की अपील की।
ईको ब्रिक्स निर्माण की विद्यार्थियों को दी जानकारी
संचालन संजीवनी न्यास महासचिव उदित नारायण शुक्ल ने किया। उन्होंने संस्था के प्रशिक्षकों के साथ तीन दिवसीय ईको ब्रिक्स निर्माण को लेकर विद्यार्थियों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से प्रयागराज समेत कौशांबी और चित्रकूट जिले में विभिन्न स्कूलों में यह अभियान चलाया जा रहा है।