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संगम तट पर कुंभ का वैभव देखेंगे 70 देशों के राजनयिक, पाक और चीन नहीं होगा शामिल

संगम तट पर बस रहे दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कुंभ मेले के पहले विदेशी राजनयिकों का कुंभ होने जा रहा है। 70 देशों के राजनयिक प्रयागराज पहुंचेंगे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 08:54 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 07:34 AM (IST)
संगम तट पर कुंभ का वैभव देखेंगे 70 देशों के राजनयिक, पाक और चीन नहीं होगा शामिल
संगम तट पर कुंभ का वैभव देखेंगे 70 देशों के राजनयिक, पाक और चीन नहीं होगा शामिल

ज्ञानेंद्र सिंह, प्रयागराज। संगम तट पर बस रहे दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कुंभ मेले के पहले विदेशी राजनयिकों का कुंभ शनिवार को होने जा रहा है। कुंभ की आभा देखने 70 देशों के राजनयिक प्रयागराज पहुंचेंगे। इसमें पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के राजनयिक नहीं हैं। डेलीगेट्स (प्रतिनिधियों) को लेकर शनिवार सुबह केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह विमान से प्रयागराज पहुंचेंगे।

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इसके पहले विदेश मंत्रलय के अफसरों की टीम शुक्रवार शाम यहां पहुंच गई। रिहर्सल संग तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। विदेश मंत्रलय के डिप्टी चीफ प्रोटोकॉल ऑफिसर आशीष शर्मा की ओर से भेजे गए राजनयिकों के कुंभ भ्रमण कार्यक्रम के मुताबिक विशेष विमान से डेलीगेट्स बमरौली एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से उन्हें संगम लाया जाएगा, जहां पूजन-दर्शन के साथ ही फोटो सेशन होगा।

यहां कुंभ की गौरवगाथा समेटे प्रदर्शनी का अवलोकन कर वह अक्षयवट व हनुमान मंदिर जाएंगे। इसके बाद क्रूज से अरैल पहुंचेंगे, जहां वह अपने-अपने देशों के झंडे फहराएंगे। अरैल में बन रही टेंट सिटी भी देखेंगे और शाम को दिल्ली लौट जाएंगे। इसके पहले आने पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर नामित कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह राजनयिकों का स्वागत करेंगे। डेलीगेट्स में लगभग सभी पड़ोसी देश प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसमें अफगानिस्तान के मौलाना खैरुल्लाह आजाद, बांग्लादेश के सैय्यद मौज्जम अली, भूटान के मेजर जनरल वेत्सप नामग्याल, नेपाल के भरत कुमार रेग्मी, श्रीलंका के आस्टिन फर्नाडो शामिल हैं। अमेरिका के राजदूत केनेथ आइ जस्टर भी आ रहे हैं। राजनयिकों को कुंभ मेला क्षेत्र में ले जाया जाएगा।

 इन देशों के राजनयिक आ रहे
अंगोला, अर्जेटीना, आस्टिया, अजरबैजान, बोलिविया, बुर्किना फासो, बुरुंडी, कनाडा, कंबोडिया, कोस्टारिका, क्रोएशिया, क्यूबा, जिबौती, डोमिनीसन रिपब्लिक, ईजिप्ट, ईआइ सल्वाडोर, ईक्यैट्यूरियल जीनिया, ईरीटिया, ईथोपिया, गेबान, गैंबिया, जार्जिया, ग्रीक, ज्यूनिया, कोरिया, किर्गिस्तान, इंडोनेशिया, इराक, लिसोथो, लीबिया, लीथ्यूनिया, लग्जमबर्ग, मेडागस्कर, मालावी, मलेशिया, माली, माल्टा, मारीशस, मैक्सिको, मोरक्को, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, नार्वे, पेलेस्टाइन, पैराग्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, सेनेगल, सर्बिया, स्लोवेक रिपब्लिक, साउथ अफ्रीका, सूडान, सोमालिया, सूरीनाम, तंजानिया, त्रिनिदाद, ट्यूनिसिया, यूक्रेन, वेनेजुएला, उज्बेकिस्तान, वियतनाम, जांबिया, जिंबाब्वे। भारत के राजनयिक इसके अतिरिक्त हैं।

कुछ और बढ़ सकते हैं राजनयिक
विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता के मुताबिक शुक्रवार रात कई और देशों के राजनयिकों के वार्ता चल रही थी। जो भी सहमति देंगे, वह शनिवार को प्रयागराज जा सकेंगे।


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