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नोटबंदी होने के बाद डिजिटल बैंकिंग में 70 फीसद तक हुआ इजाफा Prayagraj news

स्टेट बैंक के रीजनल मैनेजर जेपी यादव का कहना है कि शहरी क्षेत्र में पहले की तुलना में फिजिकल कैश में काफी कमी हुई है। पहले बैंकों के ही एप होते थे। अब सरकार और प्राइवेट संस्थाओं ने भी तमाम एप लांच किया है। एसबीआइ का भीम एप है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 07:00 AM (IST)
नोटबंदी होने के बाद डिजिटल बैंकिंग में 70 फीसद तक हुआ इजाफा Prayagraj news
नोटबंदी को लागू हुए आठ नवंबर को चार साल हो गए।

प्रयागराज, जेएनएन। नोटबंदी को लागू हुए आठ नवंबर को चार साल हो गए। इस चार सालों में लोगों का डिजिटल बैंकिंग को लेकर रुझान बढ़ा। इस दिशा में करीब 70 फीसद वृद्धि का अनुमान है। यह भी सच है कि नोटबंदी के बाद लोगों ने डिजिटल लेनदेन करना भी सीखा है।

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रात आठ बजे की थी बड़ी घोषणा

चार साल पहले आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात आठ बजे नोटबंदी की घोषणा की थी। इसकी वजह से लोगों को बहुत परेशानियां हुई थीं। पैसे के लिए लोगों को 24-24 घंटे तक बैंकों में लाइन लगानी पड़ी थीं। हालांकि, उसके बाद से डिजिटल बैंकिंग में एक तरह से बूम आ गया। मौजूदा समय में शहर के करीब 46-47 फीसद लोगों द्वारा डिजिटल बैंकिंग का इस्तेमाल करने का अनुमान है। एटीएम की सुविधा को इसमें शामिल कर लिया जाए तो यह आंकड़ा लगभग 70 फीसद तक पहुंच जाता है। तरह-तरह के एप आ जाने से लोगों को इसमें और सहूलियत हुई। वह घर बैठे हर तरह की सेवाओं का लाभ ले पा रहे हैं। स्टेट बैंक के रीजनल मैनेजर जेपी यादव का कहना है कि शहरी क्षेत्र में पहले की तुलना में फिजिकल कैश में काफी कमी हुई है। पहले बैंकों के ही एप होते थे। मगर, अब सरकार और प्राइवेट संस्थाओं ने भी तमाम एप लांच किया है। एसबीआइ का भीम एप है। इससे बैंकों ने भी खुद को अपग्रेड किया है।

नोट बंदी ऐतिहासिक फैसला

भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक मुट्ठीगंज कार्यालय पर हुई। इसकी अध्यक्षता भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी ने की। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष ने नोट बंदी को ऐतिहासिक कदम करार दिया। कहा वह साहसिक फैसला था। बैठक में वरुण केसरवानी, राजेश केसरवानी, विवेक अग्रवाल, किशोरी लाल जायसवाल,  बृजेश श्रीवास्तव, आलोक वैश्य आदि मौजूद रहे।


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