...तो क्या अतीक के गुर्गों ने किया था उमेश पाल का चुनाव प्रचार, माफिया के गवाहों ने कोर्ट को बताया
माफिया के गुर्गे लग्जरी कार से गांव-गांव जाकर प्रचार करते हुए उमेश पाल को वोट दिलाने का जतन कर रहे थे। कई बार उमेश भी अतीक के गुर्गों की गाड़ी में बैठकर चुनाव प्रचार करने गए थे। हालांकि यह जानकारी अतीक के गवाहों की ओर से अदालत में दी गई।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : उमेश पाल अपहरणकांड में अदालत का फैसला आने के बाद नई जानकारी सामने आई है। पता चला है कि वर्ष 2005 में उमेश पाल कौड़िहार प्रथम के वार्ड 42 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे थे। उमेश पाल के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए अतीक का गुर्गा हटवा का नसीम, प्रधान गुलफुल सहित कई करीबी जाते थे।
माफिया के गुर्गे लग्जरी कार से गांव-गांव जाकर प्रचार करते हुए उमेश पाल को वोट दिलाने का जतन कर रहे थे। कई बार उमेश भी अतीक के गुर्गों की गाड़ी में बैठकर चुनाव प्रचार करने गए थे। हालांकि यह जानकारी अतीक के गवाहों की ओर से अदालत में दी गई थी, जिसको लेकर अब कई तरह की बात कही जा रही है।
न्यायालय के निर्णय की कापी में यह बात उल्लेखित की गई है कि अतीक के कई गवाहों ने अपनी गवाही में कहा था कि वह उमेश पाल के दोस्त हैं और पिछले कई सालों से जानते हैं। उमेश पाल कौड़िहार से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे थे, जिसके लिए तमाम लोग प्रचार करने जाते थे। इसमें प्रमुख रूप से नसीम और गुलफुल का नाम शामिल था।
माफिया के कुछ गवाहों ने भी कहा कि अपहरणकांड के दिन अतीक के कार्यालय में एक बैठक हुई थी, जिसमें कई लोग शामिल हुए थे। आरोपित आशिक उर्फ मल्ली की ओर से भी कई गवाहों ने उमेश पाल के साथ कुछ लोगों के चुनाव प्रचार किए जाने की बात कोर्ट में कही थी।
जानकारों का कहना है कि अतीक सहित अन्य अभियुक्तों की ओर से पेश किए गए गवाहों की गवाही पूरी तरह से सही नहीं पाई गई, जिसके चलते माफिया को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। मगर अतीक के गुर्गे उमेश पाल के लिए चुनाव प्रचार किए थे, इस बात को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।