एमडीआइ में तैयार हो रहा डाइबिटिक रेटिनोपैथी ट्रीटमेंट सेंटर, आंख का इलाज हो सकेगा बेहतर
मधुमेह रोगियों की आंख में रोशनी बनाए रखने में डाइबिटिक रेटिनोपैथी ट्रीटमेंट सेंटर मील का पत्थर साबित होगा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मधुमेह की बीमारी बड़े बुजुर्गों के अलावा अब युवाओं में भी तेजी से हो रही है
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मधुमेह रोगियों की आंख में रोशनी बनाए रखने में डाइबिटिक रेटिनोपैथी ट्रीटमेंट सेंटर मील का पत्थर साबित होगा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मधुमेह की बीमारी बड़े बुजुर्गों के अलावा अब युवाओं में भी तेजी से हो रही है। नेत्र आपरेशन के अत्याधुनिक उपकरणों से लैस उपचार का यह केंद्र एमडीआइ यानी मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय में धीरे-धीरे मूर्तरूप ले रहा है। शासन से मंजूर हुए दो उपकरण में विट्रेक्टमी मशीन आ चुकी है। हाई एंड माइक्रोस्कोप जून महीने के अंत तक मिलने के आसार हैं।
उपलब्ध संसाधनों के बलबूते हो चुके हैं 200 से अधिक आपरेशन
अस्पताल के निदेशक डा. एसपी सिंह का कहना है कि विट्रेक्टमी व पहले से उपलब्ध कुछ अत्याधुनिक चिकित्सा संसाधनों जैसे लेजर, माइक्रोस्कोप से डाइबिटिक रेटिनोपैथी के आपरेशन होने भी लगे हैं। 200 से अधिक लोगों के आपरेशन कर उनकी आंख की रोशनी बचाई जा चुकी है। हाई एंड माइक्रोस्कोप मिल जाने से आपरेशन में और भी सुविधा हो जाएगी। बताया कि मधुमेह रोगियों की आंख, किडनी, हृदय या अन्य अंगों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना ज्यादा रहती है। आंख पर सबसे पहले प्रभाव पड़ने लगता है। इससे आंख के पर्दे में जहां तस्वीर बनती है वह हिस्सा भी खराब हो जाता है जिससे रोगी पूरी तरह नेत्रहीन हो जाता है।
जून अंत तक एक नई मशीन मिलने से इलाज में होगी और सुविधा
इसी स्थिति से बचाने के लिए डाइबिटिक रेटिनोपैथी ट्रीटमेंट दिया जाता है, शर्त यह है कि इलाज समय रहते हो जाए। डा. एसपी सिंह ने कहा कि इस उपचार में ज्यादा खर्च नहीं आता। अधिकतर सुविधाएं सरकारी मिलती हैं। बस लोगों में यह जागरूकता लाना है कि मधुमेह रोगी हैं और आंख पर प्रभाव महसूस होने लगा है तो समय रहते जांच पर इलाज करा लें।