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संगम पर श्रद्धालुओं से रोज हो रही लाखों की 'लूट'

संगम क्षेत्र में असलहों के बल पर बाहर से आने वाले पर्यटकों की गाडिय़ां रोक ली जाती हैं। पार्किंग के नाम पर वसूली की जा रही है। दबंग अवैध वसूली के विरोध करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 11:21 AM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 11:21 AM (IST)
संगम पर श्रद्धालुओं से रोज हो रही लाखों की 'लूट'
संगम पर श्रद्धालुओं से रोज हो रही लाखों की 'लूट'

प्रयागराज : केंद्र और प्रदेश सरकार के एजेंडे में प्रयागराज को दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर लाना भी शामिल है। इसके लिए ही कुंभ की वैश्विक ब्रांडिंग की गई, जिसके फलस्वरूप देश-दुनिया के लगभग 24 करोड़ श्रद्धालु कुंभनगरी पहुंचे। दुनिया भर में प्रयागराज के साथ ही उत्तर प्रदेश और भारत का आध्यात्मिक गौरव बढ़ा, मगर अब उसी गौरव को दबंग किस्म के कुछ लोग पलीता लगाने में जुट गए। कुंभ के समापन के बाद ही संगम के पास पार्किंग के नाम पर फिर अवैध वसूली शुरू हो गई है।

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कुंभ के समापन पर भी कम नहीं हुआ संगम का क्रेज

कुंभ के समापन के बाद भी संगम का क्रेज नहीं कम हुआ है। यहां पर रोज ही लगभग एक लाख श्रद्धालु और पर्यटक अब भी पहुंच रहे हैं। इसीलिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से संगम के सरकुलेटिंग एरिया में स्नान घाट, चकर्ड प्लेट की सड़कें, लाइटिंग, साफ-सफाई और शौचालय की व्यवस्था दुरुस्त रखी गई है। संगम आने वाले लोगों में ज्यादातर अपने वाहनों से आते हैं।

खास-खास

- 65 लाख रुपये का छावनी परिषद से हुआ है पार्किंग का ठेका

- 06 हजार के करीब छोटे-बड़े वाहन रोज पहुंचते हैं संगम

- 60 से ज्यादा युवक डंडा-हॉकी और असलहे लेकर करते हैं वसूली

- 05 बजे भोर से रात में 11 बजे तक होती है वाहनों से अवैध वसूली

त्रिवेणी बांध के नीचे बीच सड़क दबंग रोक लेते हैं वाहन

लोग जैसे ही त्रिवेणी बांध के नीचे पहुंचते हैं, वहां पर कई लोग वाहन बीच सड़क पर वाहनों को रोक लेते हैं और पार्किंग की रसीद चालक को पकड़ा देते हैं। बस के लिए दो सौ रुपये, कार के लिए सौ रुपये, ऑटो व ई-रिक्शा के लिए पचास रुपये लिए जा रहे हैं। ज्यादा पैसा वसूले जाने का विरोध करने पर वसूली करने वाले मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। शिकायत करने पर पुलिस भी अनसुनी कर देती है।

पुलिस अफसर कहते हैं, छावनी परिषद से ठेका होता है

पुलिस अफसर कहते हैं कि छावनी परिषद से ठेका होता है और ठेकेदार वसूली कराते हैं। यदि ज्यादा वसूली करते हैं तो परिषद को कार्रवाई करनी चाहिए। परिषद के अधिकारियों के मुताबिक लगभग 65 लाख रुपये का पार्किंग का ठेका इस साल हुआ है। ठेकेदार उसी ठेके के तहत वसूली करते हैं।

पुलिसकर्मियों पर हो चुकी है कार्रवाई

संगम पर पार्किंग के नाम पर वाहनों से अवैध वसूली के मामले में कुंभ के पहले कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। एक पार्षद समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने इस ओर सख्त कदम उठाए थे।

देश में कहीं भी इतनी महंगी पार्किंग नहीं

संगम पर वाहनों से पार्किंग के नाम पर जितने रुपये वसूले जा रहे हैं, उतना देश भर के किसी पर्यटन अथवा धार्मिक स्थल पर नहीं की जाती है। खजुराहो, आगरा, वैष्णो देवी, बालाजी (राजस्थान), तिरुपति बालाजी, मैहर, विंध्याचल, वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, शिरडी, जगन्नाथपुरी, गंगोत्री-यमुनोत्री, बद्रीनाथ व केदारनाथ के लिए पार्किंग स्थलों पर बसों से 50 से 100 रुपये, कार से अधिकतम 50 रुपये शुल्क लिया जाता है। इन स्थलों पर पार्किंग के लिए रेट बोर्ड भी लगाए गए हैं मगर संगम पर कोई रेट बोर्ड नहीं है।

पार्किंग की सुविधा भी नहीं

संगम के पास कहीं वाहनों के लिए कोई पॉर्किंग स्थल नहीं है। यही नहीं पार्किंग के लिए कोई सुविधा भी नहीं है। वसूली तो की जाती है मगर वाहनों को व्यवस्थित खड़ा करने का कोई स्थान भी नहीं तय किया गया है।

15 मार्च तक प्राधिकरण के हवाले थी पॉर्किंग

कुंभ के मद्देनजर एक जनवरी से 15 मार्च तक प्रयागराज मेला प्राधिकरण के पास पार्किंग थी। प्राधिकरण ने पार्किंग के लिए वाहनों के रेट तय किए थे। बसों से 24 घंटे के लिए 70 रुपये थे, मगर प्राधिकरण के हाथ से यह अधिकार हटते ही मनमानी वसूली शुरू हो गई।

कड़ी कार्रवाई की जाएगी : डीआइजी कुंभ

डीआइजी कुंभ केपी सिंह कहते हैं कि इस तरह की शिकायत आ रही है तो निश्चित तौर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वैसे भी इसके खिलाफ जल्द ही अभियान चलाया जाएगा।


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