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प्रमुख स्नान पर्वों पर अक्षयवट के दर्शन नहीं कर सकेंगे

प्रयागराज कुंभ मेला के प्रमुख छह स्‍नान पर्वों पर किला स्थित अक्षयवट का दर्शन लोगों को सुलभ नहीं होगा। एमएनएनआइट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मेला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 04:08 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 04:08 PM (IST)
प्रमुख स्नान पर्वों पर अक्षयवट के दर्शन नहीं कर सकेंगे
प्रमुख स्नान पर्वों पर अक्षयवट के दर्शन नहीं कर सकेंगे

जागरण संवाददाता, कुंभ नगर : कुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों पर किला स्थित मूल अक्षयवट के दर्शन नहीं हो सकेंगे। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कुंभ मेला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। उधर, अक्षयवट दर्शन के लिए एसपी फोर्ट की तरह ही एक अलग से एसडीएम की भी तैनाती कर दी गई है।

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 कानपुर नगर से आए प्रेमचंद्र को एसडीएम अक्षयवट बनाया गया है। अक्षयवट के लिए प्रशासन की ओर से एडीएम कुंभ दिलीप कुमार त्रिगुनायत, पुलिस की ओर से एएसपी ओपी ह व सेना की ओर से भी एक अधिकारी पहले से ही नोडल अफसर नियुक्त हैं। एसपी फोर्ट के पद पर एनपी सिंह की भी पहले ही तैनाती कर दी गई थी।

कुंभ में छह प्रमुख स्नान पर्व

 कुंभ में छह प्रमुख स्नान पर्व होंगे। 15 जनवरी को मकर संक्राति (शाही स्नान), 21 जनवरी को पौष पूॢणमा, चार फरवरी को मौनी अमावस्या (शाही स्नान), 10 फरवरी को बसंत पंचमी (शाही स्नान), 19 फरवरी को माघी पूॢणमा तथा चार मार्च को महाशिवरात्रि है। एडीएम कुंभ दिलीप कुमार त्रिगुनायत का कहना है कि इन पर्वों पर भारी भीड़ उमडऩे का अनुमान है। इसलिए पर्वों पर अक्षयवट का दर्शन नहीं हो सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्राचीन किले की प्राचीर के पास ही नया रास्ता बनाया गया है, जहां अधिक भीड़ को लेकर एमएनएनआइटी की रिपोर्ट ने चेताया है।

दर्शन को उमड़ रही भीड़

किला स्थित मूल अक्षयवट के दर्शन के लिए दूसरे दिन भी भारी तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। सुबह तो कम लेकिन दोपहर तक भीड़ बढऩे लगती है। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। किले के बाहर ही लंबी कतार लग रही है।

चाकू लेकर अक्षयवट दर्शन करने जा रहा मप्र का युवक पकड़ा

अक्षयवट दर्शन करने चाकू लेकर जा रहे मध्य प्रदेश के सागर के तियारन क्षेत्र के एक युवक को पकड़ लिया गया था। उसके बैग में मोबाइल, डायरी भी थी। दरअसल, स्कैन मशीन में चेङ्क्षकग के दौरान चाकू पकड़ी गई। पूछताछ में उसने बताया कि फल काटने के लिए बैग में चाकू रखा था। शाम को पते की तस्दीक कराने के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया।

और खराब हो गई स्कैन मशीन

किले के बाहर रैंप के नीचे लगी लाखों की स्कैन मशीन शनिवार अपरान्ह अचानक खराब हो गई। इसके कारण दो घंटे पहले ही अक्षयवट के दर्शन बंद कर दिए गए। सुबह भी मशीन देर से चली, जिसके कारण नौ बजे से दर्शन शुरू हो सका।

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

अक्षयवट दर्शन के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पुलिस, प्रशासन और सेना के नोडल अफसरों की तैनाती की गई है। एएसपी फोर्ट व एसडीएम अक्षयवट का अलग पद सृजित कर दिया गया है। इसके अलावा सेना, अद्र्ध सैनिक व पुलिस भी मुस्तैद की गई है। प्रवेश गेट पर ही स्कैन मशीन भी लगाई गई है। बताते हैं कि पहले दिन से ये मशीन ठीक से काम नहीं कर रही है। गुरुवार शाम को कुछ देर के लिए खराब हो गई थी। शुक्रवार सुबह भी दो घंटे तक नहीं चल सकी थी।

 एसडीएम अक्षयवट प्रेमचंद्र सिंह ने बताया कि शनिवार को सुबह मशीन के कारण ही नौ बजे दर्शन शुरू कराया जा सका। यही नहीं अपराह्न साढ़े तीन बजे के पहले ही स्कैन मशीन खराब हो गई, जिसके कारण दर्शन रोक दिए गए। कतार में खड़े सैकड़ों श्रद्धालुओं को वापस जाना पड़ा। उन्होंने बताया कि मशीन जिस कंपनी की है, उसके अधिकारियों को पत्र भेजकर इसकी सूचना दे दी गई है। अक्षयवट दर्शन रोज सुबह छह बजे से शाम साढ़े पांच तक कराने का निर्णय हुआ है।

अक्षयवट दर्शन से पूरी हुई तीर्थराज की यात्रा

किला स्थित मूल अक्षयवट का पहली बार दर्शन करने वालों में खासा उत्साह रहा। पवित्र वट वृक्ष के पास पहुंचते ही वे धन्य हो गए। महोबा की ऋतु पटेल और मुरादाबाद की सौम्या कहती हैं कि वे अक्षयवट दर्शन के लिए काफी उत्सुक थीं। दर्शन पाकर वे धन्य हो गईं। कुंभ में आईं चौक, लखनऊ की ममता खन्ना, स्तुति ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें पवित्र वट के दर्शन मिले। लखनऊ महानगर की मोनिका मेहरा ने कहा कि उन्होंने अक्षयवट का नाम ही सुना था अब दर्शन भी हो गए।

 लखीमपुर खीरी के द्वारिकापुरी निवासी अमिताभ का कहना है कि प्रयागराज आकर यह पुण्य लाभ भी उन्हें मिला। पंजाब में पठानकोट के कसलौर निवासी सेवानिवृत्त बिजली कर्मचारी अंचल कुमार कहते हैं कि अक्षयवट दर्शन से उनकी तीर्थराज प्रयाग की यात्रा पूरी हो गई। सहारनपुर के हसनपुर चौकी से आए डिग्री कॉलेज में शिक्षक डॉ. सतीश कुमार ने कहा कि वर्षों पुरानी उनकी इच्छा पूरी हुई।


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