Sawan Month 2020 : कांवर यात्रा न निकल पाने का मन में मलाल, बैरागियों सा समय बिता रहे शिवभक्त
सभी सुख-सुविधाओं को त्याग दिया है और भगवान शिव से नाता जोड़ लिया है। जी हां यह शिवभक्त कर रहे हैं जो इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से कांवर यात्रा नहीं निकाल पा रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। इस बार सावन मास पर भी कोरोना वायरस का असर दिख रहा है। पिछले वर्ष तक सावन शुरू होते ही सड़कों पर शिवभक्तों का हुजूम नजर आता था। जोगिया वस्त्र धारण किए, कंधे पर कांवर में गंगाजल लिए और मुख पर ऊं नमह शिवाय का जाप करते हुए कांवरियों का एक ही लक्ष्य था, वह भोलेनाथ का दर्शन और पूजन। इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से कांवर यात्रा निकाल पाने का शिवभक्तों के मन में भले ही टीस है, लेकिन पूजन-अर्चन में वह अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। एक बात और तमाम शिवभक्त वैरागियों सा जीवन सावन मास में बिता रहे हैं।
संत-महात्माओं सा जीवन बिता रहे शिवभक्त
नंगे पांव चलना। सात्विक भोजन करना। जमीन पर सोना, सत्य वचन बोलने का संकल्प और सुबह-शाम शिवालय पर मत्था टेकना। आमतौर पर ऐसी दिनचर्या वैराग्य धारण करने वाले संत-महात्माओं की होती है, जिन्हें किसी सुख-सुविधा से वास्ता नहीं होता। उनका जीवन प्रभु भक्ति में रमा रहता है। यहां संतों की नहीं, बल्कि उन सामान्य लोगों की बात हो रही है जो श्रावण मास में कांवर लेकर जाते थे। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार कांवर यात्रा नहीं निकली लेकिन भगवान शिव के प्रति उनकी भक्ति उसी तरह कायम है।
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार वह सौभाग्य उन्हें नहीं मिला
दूध के व्यवसायी ऊंचामंडी निवासी सूरज यादव लगातार 12 साल से कांवर यात्रा का हिस्सा बनते थे। कहते हैं, कि कांवर यात्रा में शामिल होकर उन्हें शिव के सानिध्य में होने की अनुभूति होती थी। यात्रा पर नंंगे पांव चलने के बावजूद कभी चोट नहीं आई। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार वह सौभाग्य उन्हें नहीं मिला। हालांकि वह कांवर यात्रा में निभाए जाने वाले नियम का पालन कर रहे हैं। सुबह-शाम शिवालय पर मत्था टेकने के साथ भक्तिभाव में समय व्यतीत कर रहे हैं।
कीडगंज निवासी नितिन साहू सराफा व्यवसायी हैं। वह 15 साल से कांवर यात्रा निकाल रहे थे। कहते हैं कि कांवर यात्रा रुकने को वे उचित नहीं मानते। नितिन भी तपस्वी की भांति पूजा-पाठ में रमे हैं। सात्विक भोजन, हर समय शिव नाम का जप मन में करते हैं।