मां अलोपशंकरी के दरबार में मन्नत का धागा बांध रहे हैैं भक्त Prayagraj News
घरों में कलश स्थापित करके दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जा रहा है। नवरात्र की षष्ठी तिथि पर गुरुवार को मइया के षष्ठम स्वरूप मां कात्यायनी का पूजन हुआ। भक्तों ने मइया की भाव से स्तुति करके उनसे सांसारिक कष्टों व भय से मुक्ति की कामना की।
प्रयागराज, जेएनएन। मां भगवती के स्तुति पर्व शारदीय नवरात्र में साधना, आराधना, भजन और कीर्तन का दौर चल रहा है। मठ-मंदिरों में मइया को रिझाने के लिए भक्त दर्शन-पूजन के साथ भजन-कीर्तन में लीन हैं। देवी मंदिरों में दर्शन-पूजन की भारी भीड़ जुट रही है। शक्तिपीठ मां अलोपशंकरी मंदिर के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों भक्त पहुंच रहे हैं। मइया के दर पर मत्था टेकने के साथ भक्त मन्नत भी मान रहे हैं। मंदिर परिसर में मन्नत का धागा बांधकर मां से उसे पूरी करने की अर्जी लगा रहे हैं। मान्यता है कि मां अलोपशंकरी मंदिर में मन्नत का धागा बांधने से वह जल्द पूरी होती है। मन्नत पूरी होने पर भक्त उसी के अनुरूप अनुष्ठान कराते हैं।
मां कात्यायनी का पूजन-अर्चन
घरों में कलश स्थापित करके दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जा रहा है। नवरात्र की षष्ठी तिथि पर गुरुवार को मइया के षष्ठम स्वरूप मां कात्यायनी का पूजन हुआ। भक्तों ने मइया की भाव से स्तुति करके उनसे सांसारिक कष्टों व भय से मुक्ति की कामना की।
कोरोना खात्मा के लिए शतचंडी यज्ञ
नवरात्र का व्रत रखकर मइया का पूजन करने वाले काफी श्रद्धालु कलश के पास अखंड ज्योति जलाकर साधना में लीन हैं। वहीं, मां अलोपशंकरी, मां कल्याणी देवी, मां ललिता देवी, मां खेमा मायी, मां काली बाड़ी सहित अधिकतर देवी मंदिरों में जनकल्याण के लिए अखंड ज्योति जलाई गई है। देशी घी की ज्योति लगातार जलती रहती है। वहीं, शतचंडी यज्ञ के जरिए कोरोना संक्रमण का खात्मा होने की प्रार्थना की जा रही है। संतों के साथ श्रद्धालु भी यज्ञकुंड में आहुतियां डाल रहे हैं।