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नागपंचमी और सावन के सोमवार पर बने दुर्लभ संयोग में पूजन-अर्चन की धूम Prayagraj News

सावन का सोमवार और नागपंचमी का पर्व एक साथ आज ही के दिन है। इस दुर्लभ संयोग पर शिव और नाग देवता के मंदिरों में सुबह से ही पूजन-अर्चन में भक्‍त जुट गए हैं। गुडि़या का मेला भी लगेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 10:31 AM (IST)Updated: Mon, 05 Aug 2019 10:31 AM (IST)
नागपंचमी और सावन के सोमवार पर बने दुर्लभ संयोग में पूजन-अर्चन की धूम Prayagraj News
नागपंचमी और सावन के सोमवार पर बने दुर्लभ संयोग में पूजन-अर्चन की धूम Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। नागपंचमी और सावन का तीसरा सोमवार। ये दोनों धार्मिक अवसर एक साथ होने का आज दुर्लभ संयोग है। हर कोई शिवभक्त इस विशेष घड़ी को खोना नहीं चाहता है। विद्वान भी कहते हैं कि यह दुर्लभ संयोग धार्मिक दृष्टि से जनमानस पर भगवान की विशेष कृपा बरसेगी। तभी तो आज सुबह से ही नागवासुकि, श्री मनकामेश्वर और दरियाबाद स्थित तक्षकतीर्थ समेत प्रमुख शिव मंदिरों में सुबह से ही भीड़ जुटी है। मंदिरों में घंटे, घडिय़ाल बज रहे हैं तो ऊं नम: शिवाय, बम-बम भोले, जय शिवशंकर माहौल को भक्तिमय कर रहे हैं। गंगाजल, दूध, दही, बेलपत्र आदि से शिव शंकर की आराधना करने में भक्त डूबे हुए हैं।

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रोचक है नागपंचमी का खास दिन

ङ्क्षहदू पंचांग के अनुसार सावन में शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी के रूप में मनाई जाती है। इस दिन नागदेवता की पूजा की जाती है। सर्पों को इस दिन दूध पिलाने की भी परंपरा है। वासुकि: तक्षकश्चैव कालिया मणिभद्रक:-ऐरावतो धृतराष्ट्र: कार्कोटकधनंजयौ, एतेअभ्ययं प्रयच्छन्ति प्राणिनां प्राणजीविनाम्। यानी भविष्योत्तरपुराण के अनुसार वासुकि, तक्षक, कालिया, मणिभद्रक, ऐरावत, धृतराष्ट्र, कार्कोटक औरे धनंजय। यह सब प्राणियों को अभय प्रदान करते हैं। वहीं यह भी धार्मिक मान्यता है कि नागपंचमी के दिन महिलाएं नागदेवता को अपने भाई के रूप में पूजती हैं। मनोकामना पूर्ति के लिए उनसे प्रार्थना करती हैं।

इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की लगी भीड़

वहीं सावन का तीसरा सोमवार भी होने के चलते शिवालयों में श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे के आसार से विशेष प्रबंध किए गए हैं। शहर में तो जगह-जगह सिद्ध मंदिर और प्राचीन शिवालय हैं लेकिन, नागवासुकि दारागंज और दरियाबाद के बीचोबीच स्थित श्री तक्षकतीर्थ में सर्पदेवता का मंदिर होने के चलते यहां अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।

मनकामेश्वर में बाबा बर्फानी के दर्शन

सरस्वती घाट के समीप स्थित श्री मनकामेश्वर मंदिर में ऋणमुक्तेश्वर महादेव के पीछे बर्फ से बाबा बर्फानी का स्वरूप तैयार किया गया है। करीब चार फुट ऊंचे बाबा बर्फानी के दर्शन हो रहे हैं। पुजारी श्रीधरानंद जी ब्रह्मचारी के अनुसार बाबा बर्फानी के दर्शन को सुबह से ही भीड़ जुट रही है।

प्रसिद्ध गुडिय़ा तालाब पर लगेगा मेला, होगी कुश्ती प्रतियोगिता

नागपंचमी पर प्रयागराज के खुल्दाबाद क्षेत्र में गुडिय़ा तालाब पर भव्य मेले का भी आयोजन होगा और कई अखाड़ों में दंगल (कुश्ती) की परंपरा निभाने की तैयारी है। वहीं मधवापुर बैरहना में भी परंपरागत ढंग से भाइयों द्वारा गुडिय़ा पर्व मनाया जा रहा है। वहीं शाम को यहां मेला भी लगेगा।

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