Move to Jagran APP

रोडवेज बसों से डीजल चोरी रोकेगी डिवाइस, टंकी से छेड़छाड़ की सूचना कंट्राेल रूम में पहुंचेगी Prayagraj News

जैसे ही टंकी में डीजल भरने के लिए नाजिल डाला जाता है यह चिप काम करने लगता है। कितना डीजल टंकी में भरा गया उसकी मात्रा इसमें दर्ज हो जाती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 02:52 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 02:52 PM (IST)
रोडवेज बसों से डीजल चोरी रोकेगी डिवाइस, टंकी से छेड़छाड़ की सूचना कंट्राेल रूम में पहुंचेगी Prayagraj News
रोडवेज बसों से डीजल चोरी रोकेगी डिवाइस, टंकी से छेड़छाड़ की सूचना कंट्राेल रूम में पहुंचेगी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। रोडवेज बसों से डीजल चोरी कर पाना अब मुमकिन नहीं होगा। बसों के डीजल टैंक में एक खास तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाया गया है। यह डीजल की मात्रा को रीड करने के साथ टंकी में किसी भी छेड़छाड़ पर निगाह रखता है और पूरी जानकारी पलभर में कंट्रोल रूम में लगे कंप्यूटर के साथ संबंधित अधिकारियों के मोबाइल तक पहुंचाता है।

loksabha election banner

चालक-परिचालकों पर बसों से डीजल निकालकर बेचने का आरोप

रोडवेज की बसों से डीजल चोरी की आम शिकायतें थीं। चालक-परिचालकों पर यह आरोप लगता था कि वे रास्ते में बसों से डीजल निकालकर बेच देते हैं। फिलिंग स्टेशनों से भी घटतौली की शिकायतें थीं। अधिकारियों पर भी मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं। अब बसों की डीजल टंकियों के ढक्कनों पर रेडियो फ्रिक्वेंसी इन्फ्रारेड डिवाइस (रेफिड) लगाई गई है। जैसे ही टंकी में डीजल भरने के लिए नाजिल डाला जाता है, यह चिप काम करने लगता है। कितना डीजल टंकी में भरा गया उसकी मात्रा इसमें दर्ज हो जाती है।

अधिकारी भी अपने मोबाइल फोन पर कोड के जरिए देख सकते हैं

साथ ही बस के पंजीकरण नंबर और चालक के नाम के साथ यह जानकारी पल भर में परिक्षेत्र के कंट्रोल रूम में लगाए गए मॉनिटरिंग कंप्यूटर में पहुंच जाती है। यह जानकारी रोडवेज के अधिकारी भी अपने मोबाइल फोन पर कोड के जरिए देख सकते हैं। यह चिप परिक्षेत्र के सभी आठ डिपो से संचालित की जा रहीं रोडवेज की 522 बसों के साथ 70 अनुबंधित बसों में भी लगाया गया है।

मैन्युअल डीजल भराने को मास्टर कार्ड

सिस्टम में किसी खामी की दशा में बस के चालक को संबंधित बस डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक से मैन्युअली डीजल भराने की अनुमति लेनी पड़ती है। इसके लिए एआरएम उसको मास्टर कार्ड जारी करता है। टंकी पर लगा चिप इसे भी दर्ज करता है कि बस में डीजल भराने के लिए कितनी बार मास्टर कार्ड का इस्तेमाल किया गया।

बोले, रोडवेज प्रयागराज परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक

रोडवेज प्रयागराज परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन कहते हैं कि बसों से डीजल चोरी होने की शिकायतें थीं। इसे रोकने के लिए बसों की टंकियों में जाली लगाने के साथ इलेक्ट्रानिक डिवाइस लगाई गई है। इससे डीजल चोरी कर पाना आसान नहीं होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.