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एनजीटी के सख्त रुख के बावजूद बसवार प्लांट में लगा है कूड़े का अंबार Prayagraj News

बसवार प्लांट में निस्‍तारण न होने से कूड़ा डंप है। कूड़ा निस्तारण की फाइल शासन में छह महीने से फंसी है। बसवार प्लांट में डंप कूड़े के निस्तारण को नगर निगम ने भी कोई कदम नहीं उठाए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 12:08 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 12:10 PM (IST)
एनजीटी के सख्त रुख के बावजूद बसवार प्लांट में लगा है कूड़े का अंबार Prayagraj News
एनजीटी के सख्त रुख के बावजूद बसवार प्लांट में लगा है कूड़े का अंबार Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। बसवार प्लांट में डंप लगभग एक लाख मीट्रिक टन कूड़े के अंबार को बायो माइनिंग पद्धति से निस्तारित करने के लिए एक साल से कवायद चल रही है। छह महीने से इसकी फाइल शासन के पास पड़ी हुई है। प्लांट में डंप कूड़े के निस्तारण के लिए नगर निगम के स्तर से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जबकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) कूड़े का जल्द निस्तारित करने का निर्देश जारी कर चुकी है।

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माघ मेला से भी प्रतिदिन निकल रहा 50 मीट्रिक टन कूड़ा

नगरीय क्षेत्र से रोजाना लगभग 400 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है, जिसे बसवार प्लांट में डंप किया जाता है। इन दिनों माघ मेला से भी रोज 50 मीट्रिक टन कूड़ा बसवार प्लांट भेजा जा रहा है। पिछले एक दशक से बसवार प्लांट में कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया पटरी से उतरी हुई है। वहां पर निरंतर कूड़ा निस्तारण नहीं होने पर कूड़े का अंबार लगता जा रहा है। लगभग एक लाख मीट्रिक टन कूड़ा वहां पर डंप हो चुका है।

कूड़े का बायो माइनिंग पद्धति से खत्म करने की कार्ययोजना बनाई गई थी

पिछले साल फरवरी-मार्च महीने में डंप कूड़े का बायो माइनिंग पद्धति से खत्म करने की कार्ययोजना बनाई गई थी। इसके लिए जून माह में प्रस्ताव शासन को भेजा गया था लेकिन वहां से कूड़ा निस्तारण के लिए कोई बजट नहीं दिया गया। बसवार प्लांट को मेसर्स हरी-भरी चला रही थी। उसने भी डंप कूड़े के निस्तारण में कोई रुचि नहीं ली। इन छह महीने में एक-दो एजेंसियों ने नगर निगम में कूड़ा निस्तारण के लिए अपना प्रस्ताव दिया, लेकिन किसी पर विचार नहीं हुआ।

बोले नगर आयुक्त

नगर आयुक्त रवि रंजन कहते हैं कि जल्द ही शासन स्तर पर बसवार प्लांट पर डंप कूड़े के निस्तारण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। इंदौर मॉडल पर कूड़े का निस्तारण कराया जाएगा। बायो माइनिंग पद्धति से कूड़ा निस्तारण में एक साल का समय लगेगा।


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