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Allahabad University : प्राचीन इतिहास विभाग ने पुरातत्व में खोजी है ऐतिहासिक वस्तुएं, आप भी जानिए

प्राचीन विभाग का बहुत महत्व रहा है पुरातत्व के क्षेत्र इस विभाग ने कई ऐतिहासिक खोज की है। झूंसी में हवेलिया टीले पर विभाग के पुरातत्ववेत्ताओं ने लौहयुगीन सभ्यता की खोज की। प्रथम कृषि का क्षेत्र होने का भी दावा किया है। गंगाघाटी की सभ्यता पर काफी काम किया है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 04:00 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 04:00 PM (IST)
Allahabad University :  प्राचीन इतिहास विभाग ने पुरातत्व में खोजी है ऐतिहासिक वस्तुएं, आप भी जानिए
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों ने शोध के क्षेत्र में काफी काम किया है।

प्रयागराज, जेएनएल। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों ने शोध के क्षेत्र में काफी काम किया है। इन्हीं में प्राचीन विभाग का बहुत महत्व रहा है पुरातत्व के क्षेत्र इस विभाग ने कई ऐतिहासिक खोज की है। प्रयागराज के झूंसी इलाके में हवेलिया टीले पर विभाग के पुरातत्ववेत्ताओं ने लौहयुगीन सभ्यता की खोज की है। प्रथम कृषि का क्षेत्र होने का भी दावा किया है। गंगाघाटी की सभ्यता पर काफी काम किया है। ऐसे अन्य विभाग भी हैं जो अपने बेहतर काम के लिए जाने जाते हैं।

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जीआर शर्मा मेमोरियल संग्रहालय में संग्रहीत हैं प्राचीन अवशेष

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन एवं पुरातत्व विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.जेएन पाल बताते हैं कि विभाग के जीआर शर्मा मेमोरियल संग्रहालय में प्राचीन खोज की वस्तुएं संग्रहीत हैं। विभाग के शिक्षकों ने जहां भी खुदाई की उसमें जो अवशेष मिले उसे रखा गया है। इन अवशेषों पर शोध हो रहा है। पुरातत्व की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को इसके बारे में बताया जाता है। वे बताते हैं कि विभाग ने धर्म, दर्शन, भारतीय प्रागितिहास, पुरातत्व एवं मनुष्य जाति के अध्ययन में बहुत काम किया है। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले शोध में सहयोग भी किया है।

प्रो.जीआर शर्मा ने स्थापित किया था विभाग

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के प्रो.हर्ष कुमार बताते हैं कि प्रो.जीआर शर्मा ने इस विभाग को स्थापित किया था। उन्होंने पुरातत्व की महत्व वाले क्षेत्रों की खुदाई की शुरूआत की थी। उनके समय ऐसी कई परियोजनाएं शुरू हुई थीं। इन परियोजनाएं के माध्यम पुरातत्व के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। उन्हीं के समय में विभाग ने गंगा घाटी के इतिहास पर काम किया और नए तथ्य निकाले। समय के साथ विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.बीडी मिश्रा और प्रो.जेएन पाल ने इसको आगे बढ़ाया। इनके समय झूंसी के हवेलिया टीले पर व्यापक खुदाई हुई थी जिस पर राष्ट्रीय स्तर पर शोध हो रहा है।

काफी पुराना है वनस्पति विज्ञान विभाग

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का वनस्पति विज्ञान विभाग देश के तमाम शिक्षण संस्थाओं में सबसे पुराना है। इसकी स्थापना 1923 में हुई थी। यह विभाग चारों ओर से खजूर आदि पेड़ों से घिरा है। डॉ.आरडी चौरसिया बताते हैं कि विभाग एक औपनिवेशिक युग के भवन में स्थित है। इसकी वास्तुकला भारत-इस्लामिक शैली के साथ शास्त्रीय समरूपता को लेकर देखी जा सकती है।


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