Coronavirus संक्रमण काल में ये औषधीय पौधों की बढ़ी मांग, इम्युनिटी बढ़ाने में हैं मददगार Prayagraj News
कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान शहरवासी गिलोय अश्वगंधा एलोवेरा और तुलसी के पौधे अपने घरों मं लगा रहे हैं। इन औषधीय पौधों की मांग बढ़ने के कारण नर्सरी में कमी हो गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। इन दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण काल में कुछ ऐसे भी पौधे हैं, जिनका लोग पहले कम ही प्रयोग करते थे लेकिन अब इसकी अधिक मांग है। ऐसा इसलिए कि शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में इन पौधों का विशेष योगदान बताया जाता है।
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर
कोरोना वायरस के संक्रमण से लडऩे के लिए लोग इम्युनिटी यानी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। औषधीय काढ़े का नियमित सेवन कर रहे हैं। लॉकडाउन के कारण गिलोय, अश्वगंधा, एलोवेरा और तुलसी के पौधे मिल नहीं पाए थे। वहीं अब मांग के कारण इनकी कमी हो गई है। नर्सरी संचालक भी मांग अधिक होने के कारण जल्दी से जल्दी नए पौधे तैयार कर रहे हैं।
इस रेट में मिल रहे औषधीय पौधों
गिलोय 40-50 रुपये
अश्वगंधा 50-60 रुपये
एलोवेरा 40-50 रुपये
तुलसी 08-10 रुपये।
तुलसी और एलोवेरा की ज्यादा मांग
पहले लोग घरों में फूल और आम पौधों के साथ औषधीय पौधे लगाते थे लेकिन शौकिया तौर पर ही। जब से पता चला कि औषधीय पौधों के काढ़े का नियमित सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। छोटी-मोटी बीमारियां खत्म हो जाती हैं, तब से लोग इन पर विशेष ध्यान देने लगे हैं। राजू नर्सरी के संचालक मोहम्मद आरिफ बताते हैं कि इसलिए गिलोय, अश्वगंगा, एलोवेरा और तुलसी के पौधों को तैयार करने में दो से तीन महीने लगते हैं। बारिश का सीजन आ गया है, जिससे लोग अन्य पौधे भी मांग रहे हैं। मनु नर्सरी के संचालक जीतेंद्र कुमार बताते हैं कि उनके पास तुलसी और एलोवेरा की ज्यादा मांग है। गिलोय को तैयार होने में छह महीने से साल भर का समय लगता है। गिलोय का पेड़ जितना पुराना होता है, उसका उतना फायदा होता है।
राजकीय उद्यान की अधीक्षक
राजकीय उद्यान की अधीक्षक सीमा सिंह राणा कहती हैं कि चंद्रशेखर आजाद पार्क में सुबह और शाम को टलने वाले लोग भी औषधीय पौधों की मांग करते हैं। नर्सरी के माध्यम से लोगों को पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं।