Ayodhya Verdict : धर्म संसद में उठी थी सोमनाथ की तर्ज पर राम मंदिर बनाने की मांग Prayagraj News
प्रयागराज के कुंभ मेला 2013 में विहिप के धर्म संसद में तमाम विशिष्टजन जुटे थे। इसी धर्म संसद में सोमनाथ के मंदिर की तरह ही अयोध्या में राम मंदिर को बनवाने की मांग की गई थी।
प्रयागराज, जेएनएन। यहां बात वर्ष 2013 के कुंभ की हो रही है। इस कुंभ के दौरान प्रयागराज में आयोजित विहिप के धर्म संसद में संतों ने सोमनाथ की तर्ज पर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग उठाई थी। सोमनाथ मंदिर का निर्माण भी ट्रस्ट के माध्यम से ही सरकार की ओर से कराया गया था। तब संतों की ओर से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों देश की कमान सौंपने की आवाज जोरदारी से उठी थी।
पंचकोसी परिक्रमा के फैसले पर प्रयागराज की बैठक में ही मुहर लगी थी
दरअसल, विहिप नेता अशोक सिंहल की वर्ष 2003 में अंतिम कारसेवा को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मतभेद हो गया था। इसके बाद मंदिर मुद्दे को धार देने के लिए पंचकोसी परिक्रमा का निर्णय लिया गया था। इस परिक्रमा के फैसले पर प्रयागराज की बैठक में ही मुहर लगी थी। इसके बाद अशोक सिंहल संत-महात्माओं के साथ वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले थे। हालांकि पंचकोसी परिक्रमा नहीं हो सकी थी। वहीं रोक के बावजूद प्रवीण तोगडिय़ा अयोध्या पहुंच गए थे।
कारसेवकों की प्रयागराज ने की थी मेजबानी
वर्ष 1990 और 1992 में कारसेवकों की प्रयागराज ने मेजबानी की थी। दरअसल, दक्षिण भारत, गुजरात और मध्य प्रदेश से आने वाली ज्यादातर ट्रेनें और बसों को प्रयागराज में ही रोक लिया गया था। यहां से कारसेवक पैदल ही अयोध्या रवाना हुए थे। उनके रहने और भोजन तक की व्यवस्था यहां के लोगों की ओर से की गई थी। विहिप नेता अशोक सिंहल यहां से लालबत्ती लगी कार से रवाना हुए थे। रास्ते में उन्होंने बाइक ली और अयोध्या स्थित कारसेवकपुरम पहुंचे थे, जहां हंगामे के दौरान उनके सिर में चोट भी लग गई थी।