करोड़पति मांग रहे 'घर की छत'
इलाहाबाद : बेघर लोगों को सिर पर छत यानी घर उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना मे
इलाहाबाद : बेघर लोगों को सिर पर छत यानी घर उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना में उनके नाम भी शामिल हैं, जिनके पास कई कमरों के पक्के मकान, कई बीघे खेत होने के साथ आर्थिक स्थिति काफी अच्छी है। जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक की जांच में गड़बड़ झाला सामने आया है। जांच में कई फर्जी नाम सामने आए हैं, जिन्हें लाभार्थियों की सूची से बाहर किया गया है। राज्य सरकार ने 2012 में आर्थिक सर्वे कराया था। इसमें जिनके पास आवास नहीं था उन्हें प्रधानमंत्री आवास सूची में रखा गया। जिला में ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे 20 हजार से अधिक लोगों का नाम सूची में शामिल है। शासन ने 2018-19 में 6899 लोगों को आवास बनाने के लिए पैसा उनके एकाउंट में देने का निर्देश आया है। इसके तहत लाभार्थी को सबसे पहले 40 हजार रुपये नींव बनवाने के लिए, फिर 70 हजार रुपये छत डालने के लिए, 15750 रुपये मजदूरी के अलावा शौचालय का 12 हजार रुपये मिलना है। पैसे देने से पहले मौके पर जाकर जांच की गई तो उसमें कई नाम फर्जी मिले।
इनका नाम मिला फर्जी : जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक डीपी सिंह ने 19 जून को करछना के ¨हदूपुर गांव का दौरा किया। यहां आठ लोगों का नाम लाभार्थी सूची में था। इसमें फुलवासा देवी पत्नी महानारायण, रामपति पत्नी वनराज, ललिता पत्नी जय सिंह व सुनीता पत्नी लक्ष्मीनारायण का नाम फर्जी मिला। जबकि 20 जून को विकास खंड कोरांव के तरांव गांव में टीम गई तो सुमन देवी पत्नी मुरारीलाल व रीता देवी पत्नी शिवकुमार का नाम फर्जी मिला। इन सबके पास पहले से पक्का मकान व कई बीघे खेत एवं दूसरे संसाधन मौजूद हैं।
जारी रहेगी जांच : जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक डीपी सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अभी दो गांव में जांच हुई है। इसकी प्रक्रिया आगे भी चलेगी। मौके पर जाकर जांच करने के उपरांत ही सही लाभार्थी को पैसा दिया जाएगा।