COVID Third Wave: तीसरी लहर में भी Delta Variant, हालांकि तीव्रता कम रहने की उम्मीद
जानकार मान रहे हैं कि वैरिएंट डेल्टा ही है अगर ये तेजी से फैला तो नुकसान ज्यादा नहीं होगा क्योंकि इसी वैरिएंट के अनुसार दवाएं अस्पतालों में पहले से उपलब्ध हैं और संक्रमण पर नियंत्रण के तरीके भी सभी को मालूम हो चुके हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर अगस्त माह में ही आएगी और इसकी शुरुआत तीसरे सप्ताह से ही हो सकती है। जानकारों का मानना है कि तीसरी लहर में वैरिएंट कोई नया न होकर वही डेल्टा है जो इससे पहले भारत में आकर गुजर चुका है। हालांकि पहले भी यही संभावना जताई जा चुकी है। हालांकि दोबारा इसलिए, क्योंकि इस पर विभिन्न राज्यों और पश्चिमी देशों में स्टडी हुई है।
कोविड पर शोध कर रहे विशेषज्ञों का यह कहना है
कोरोना ने अब रूस, अमेरिका, इजरायल, भारत में दक्षिणी राज्यों, दिल्ली में फैल कर लोगों में फिर खौफ जमाना शुरू कर दिया है। कानपुर में कोविड पर शोध कर रहे विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त के तीसरे सप्ताह में यह पूूरे भारत में फैल सकता है। हालांकि अभी तक कहीं से भी वैरिएंट में कुछ बदलाव या नएपन की खबरें नहीं आई हैंं। इसके आधार पर जानकार मान रहे हैं कि वैरिएंट डेल्टा ही है, अगर ये तेजी से फैला तो नुकसान ज्यादा नहीं होगा क्योंकि इसी वैरिएंट के अनुसार दवाएं अस्पतालों में पहले से उपलब्ध हैं और संक्रमण पर नियंत्रण के तरीके भी सभी को मालूम हो चुके हैं।
चिल्ड्रेन अस्पताल के विभागाध्यक्ष बोले
चिल्ड्रेन अस्पताल के विभागाध्यक्ष डा. मुकेशवीर सिंह कहते हैं कि डेल्टा वैरिएंट पर तमाम शाेध जगह-जगह हो चुके हैं। तीसरी लहर में आने वाला डेल्टा तीव्रता में दूसरी लहर के प्रभाव से भी कम है। इससे डरने, घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन बचाव सभी को करना है। क्योंकि यह तय है कि कोई भी महामारी आती है तो नुकसान करके ही जाती है। तीसरी लहर आएगी तो जाहिर है जिले में हजारों और देश में करोड़ों लोग संक्रमित होंगे। जानमाल का नुकसान भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि बचाव चिकित्सा स्टाफ को सबसे अधिक करना होगा। यही ऐसा वर्ग है जिस पर दूसरे संक्रमितों को स्वस्थ करने जिम्मेदारी रहती है।
इसलिए बच्चे रहेंगे सुरक्षित
कोरोना की तीसरी लहर से बच्चे सुरक्षित रहेंगे। बच्चों में इम्युनिटी पावर अधिक होती है और जिस तरह से दूसरी लहर में बच्चों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा उसी तरह से भविष्य में भी घर के उम्रदराज लोग सतर्कता बरतेंगे तो वायरस का ट्रांसमिशन घर में नहीं होने पाएगा और बच्चे पहले की तरह सुरक्षित ही रहेंगे।