प्रयागराज के संगम तट पर भूख को मात देने का सहारा बने दाल भात वाले भैयाजी
आयोजक गुड्डू मिश्र बताते हैैं कि संगमनगरी में कोई भी जरूरतमंद और बेसहारा भूखा न रह जाए इस उद्देश्य से भूख मुक्त समाज की परिकल्पना के साथ अन्न क्षेत्र भैयाजी का दाल-भात कार्यक्रम शुरू कराया गया है। इसके जरिए जरूरतमंदों की भूख मिटाई जा रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में दान-पुण्य का सिलसिला सदियों से चला आ रहा है। महाराजा हर्षवर्धन की दानवीरता की कहानी सबने सुनी और पढ़ी है। यहां माघ मेला और कुंभ में भंडारा तथा लंगर के साथ ही कई अन्न क्षेत्र चलते हैैं। लाखों की तादाद में श्रद्धालु यहां भोजन प्रसाद ग्रहण करते हैैं। माघ मेला और कुंभ के अलावा पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम तट पर अब बेसहारा लोगों की भूख मिटाने के लिए भैयाजी का दाल-भात का अनूठा कार्यक्रम चलता है। मानव सेवा-माधव सेवा के इस आयोजन के दो वर्ष पूरे होने जा रहे हैैं। दो साल पहले 30 नवंबर 2018 से इस भोज का श्रीगणेश हुआ था।
सुबह से शाम तक भोजन वितरण
संगम के पास बड़े हनुमान जी मंदिर के सामने ही यह आयोजन रोज दोपहर में होता है। आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह है कि कोई भी भूखा न रहे। सभी को इस कार्यक्रम के तहत रोज दोपहर में भोजन प्रसाद का वितरण कराया जाता है। इसके आयोजक गुड्डू मिश्र बताते हैैं कि संगमनगरी में कोई भी जरूरतमंद और बेसहारा भूखा न रह जाए, इस उद्देश्य से भूख मुक्त समाज की परिकल्पना के साथ अन्न क्षेत्र भैयाजी का दाल-भात कार्यक्रम शुरू कराया गया है। इसके जरिए जरूरतमंदों की भूख मिटाई जा रही है। रोज ही हजारों लोगों को भोजन प्रसाद का वितरण किया जा रहा है। इसके साथ ही सैकड़ों बेसहारा, गरीबों और मजदूरों के लिए ये भोजन प्रसाद प्रतिदिन सहारा भी बन गया है। नित्य भोजन प्रसाद वितरण सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक चलता है।
मिल रहा है जन सहयोग
भूख मुक्त समाज की परिकल्पना के साथ पूरे वर्ष जरूरतमंदों को निश्शुल्क भोजन प्रसाद उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध भैयाजी का दाल-भात के इस विशेष सामाजिक कार्यक्रम में अब जनसहयोग भी बढऩे लगा है। इस आयोजन में प्रयागराज शहर से लेकर दूर-दराज से आने वाले लोग जन्मदिन और पुण्य तिथि सहित अनेक कार्यक्रमों में सहभागिता निभा कर जरूरतमंदों की खुशी में खुद की खुशी तलाश रहे हैं। संगम तट पर चल रहे भैयाजी का दाल-भात की रसोई भी विशेष है। इस खास किचेन में पकने वाले भोजन प्रसाद को बनाने से लेकर वितरण तक की पूरी व्यवस्था को हाइजेनिक रखा गया है। कोविड गाइडलाइन का भी यहां पूरी तरह से पालन किया जाता है। भोजन वितरण के दौरान शारीरिक दूरी का भी पूरा ख्याल रखा जाता है।
मानवता की सेवा को समर्पित
भैयाजी का दाल-भात आयोजन से जुड़े कार्यकर्ता पूरे भाव के साथ मानवता की सेवा में अपने आपको समर्पित करके भूख मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने की कोशिश में मनोयोग से जुटे हैैं। बेसहारा, गरीब तथा मजदूर और संगम के आसपास रहने वाले भी नियमित भोजन प्रसाद पाकर काफी खुश हैं। उनका का कहना है कि भैयाजी का दाल-भात के जरिए उन लोगों को दो वक्त का भोजन ऐसे समय पर मिल जा रहा है, जब उनको इसक आवश्यकता होती है।
जन सहयोग से चल रहा कार्यक्रम
यहां पर भोजन प्रसाद में दाल-भात मुख्य होता है। इसके साथ ही पूड़ी और सब्जी व मिष्ठान भी शामिल किया जाता है। यह आयोजन पूरी तरह से जन सहयोग से संचालित किया जा रहा है। रोज ही कोई न कोई इसमें अनाज से लेकर सब्जी तक की मदद करता है। कोई अपने बच्चों के जन्मदिन पर तो कोई शादी की सालगिरह पर अनाज और अन्य सामग्री देता है जिससे भोजन प्रसाद तैयार होता है। इसमें मदद करने वाले भी भोजन प्रसाद सभी के साथ चखते हैैं। वह पूरे परिवार के साथ शामिल होते हैैं। पिछले दिनों तत्कालीन एसपी सिटी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने बेटे और बेटी का जन्मदिन यहां पर ही मनाया थे। समारोह में अब तक दर्जनों मंत्री, सांसद-विधायक ही नहीं उच्चाधिकारी, समाजसेवी भी शामिल हो चुके हैैं।
30 नवंबर को होगा विशेष आयोजन
भैयाजी का दाल-भात आयोजन के दो वर्ष पूरे होने पर 30 नवंबर को यहां विशेष आयोजन होगा। त्रिवेणी के पावन तट, पवित्र अक्षयवट की शीतल छाया में, भारद्वाज मुनि एवं ऋषभदेव की तपस्थली व हर्षवर्धन महाराज की दान भूमि पर तीरथपति प्रयागराज की अहैतुकी कृपा से भूखी मानवता की नियमित सेवा में जुटे भैयाजी का दाल-भात परिवार इस साल 30 नवंबर को अनुष्ठान करेगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज इसका शुभारंभ करेंगे।