Cyber Crime : कौशांबी में बहाने से दोस्त का मोबाइल इंस्टाल कर लिया इंटरनेट बैंकिंग, उड़ाए 60 लाख रुपये, जानिए क्या है पूरा मामला
Cyber Crime रिद्धि कैप्टल नामक कंपनी चलाने वाले उसके साथी रमाकांत ने उसका मोबाइल प्रयोग में लिया था। साइबर सेल टीम ने इसे आधार मानकर जांच किया तो पता चला कि जगदीश के मोबाइल से इंटरनेट की ओटीपी रमाकांत के मोबाइल पर जा रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के कौशांबी जिले में सैनी कोतवाली क्षेत्र के सुभाषनगर के युवक के मोबाइल पर बाइपास इंटरनेट बैंकिंग के जरिए 60 लाख रुपये ठगने वाले अंतरराज्यीय गैंग के दो सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साइबर सेल की मदद से पकड़े गए दोनों आरोपितों ने जिले के अलावा गैर प्रांत से भी दर्जनों लोगों से करोड़ों रुपये ठगे हैं। फरार चल रहे दोनों आरोपितों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। अपर पुलिस अधीक्षक समरबहादुर ने शनिवार को मामले का पर्दाफाश किया। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर चालान न्यायालय भेजा, जहां से उन्हें जेल भेजा गया।
दोस्त ने लिया था मोबाइल
सुभाषनगर निवासी जगदीश कुमार ने बताया कि छह माह पहले उसने हाइवे के पास मौजूद बेशकीमती भूमि लाखों रुपये में बेची थी। उसकी दोस्ती कोखराज थाना क्षेत्र के गिरसा निवासी रमाकांत साहू से थी। रमाकांत साहू सिराथू में रिद्धि कैप्टल नामक चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर था। इसकी हेड ऑफिस तेलंगाना में है। रमाकांत की नीयत जगदीश के रुपये पर खराब हो गई। नौ दिसंबर को जगदीश ने शिकायती पत्र देकर बताया कि उसके खाते से 60 लाख रुपये किसी शातिर ने पार कर दिए। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने इसे गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल अधिकारी अखिलेश उपाध्याय व सहकर्मी संदीप सिंह को जांच सौंपी। साथ ही अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर की अगुवाई में पुलिस की एक टीम तैयार कराई। अज्ञात के खिलाफ सैनी कोतवाली में केस दर्ज किया गया। जांच के दौरान साइबर सेल अधिकारी को जगदीश ने बताया कि पखवारा भर पहले रिद्धि कैप्टल नामक कंपनी चलाने वाले उसके साथी रमाकांत ने उसका मोबाइल प्रयोग में लिया था। साइबर सेल टीम ने इसे आधार मानकर जांच किया तो पता चला कि जगदीश के मोबाइल से इंटरनेट की ओटीपी रमाकांत के मोबाइल पर जा रही है।
रमाकांत को पुलिस ने दबोचा तो खुला राज
एएसपी ने बताया कि पुलिस टीम ने रमाकांत की तलाश की तो दो दिन पहले उसे सैनी से पकड़ लिया। पूछताछ में रमाकांत ने बताया कि उसने जगदीश के मोबाइल का सिमकार्ड धोखे से अपने मोबाइल पर डालते हुए इंटरनेट बैंकिंग सुविधा इंस्टॉल कर ली। साथ ही ओटीपी के लिए उनके बैंक रजिस्टर्ड ई-मेल का पासवर्ड चेंज कर दिया। इससे हमेशा ओटीपी रमाकांत के मोबाइल पर आने ली। इसके बाद जगदीश के खाते से 60 लाख रुपये पार कर दिए। पूछताछ में उसने कंपनी के अपने पार्टनर लक्ष्मण नारायण पुत्र वेणू गोपाल निवासी एसएस नगर, उस्मानिया डिग्री कॉलेज हैदराबाद बताया। पुलिस ने उसे भी हैदराबाद पहुंचकर गिरफ्तार कर लिया।
बरामद किया गया माल
पुलिस टीम ने रमाकांत व लक्ष्मण नारायण की निशानेदही पर उसके ऑफिस से 45 लाख के आइडीबीआइ बैंक के पांच चेक, चार एंड्रायड मोबाइल, पांच सीपीयू, पांच टीएफटी मॉनीटर, तीन की-बोर्ड, एक ङ्क्षप्रटर, एक स्कैनर, तीन माउस, पांच पावर सप्लाई केबिल, चार वीजीए केबिल, दो यूएसबी केबल, एक लैंडलाइन फोन, एक राउटर बरामद किया गया।
अन्य जनपदों में भी चल रही कंपनी की शाखा
अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर के मुताबिक पकड़े गए लक्ष्मण नारायण ने बताया कि उसने कंपनी बीते पांच साल से जिले में खोल रखी थी। इसमें आम लोगों से पैसे इन्वेस्ट के नाम पर लिया जाता था। इसमें बताया जाता था कि दो फीसद की दर से हर महीने ब्याज की दर दिया जाएगा। साथ ही तीन वर्ष बाद मूलधन भी दो गुना करके दिया जाएगा। इस पर लोग विश्वास कर अपने रुपये रिद्धि कैप्टल में इन्वेस्ट करते थे। इस तरह से कंपनी की कई शाखा अन्य राज्यों के जनपदों में संचालित हैं। अब तक लक्ष्मण के द्वारा चार से पांच करोड़ रुपये इन्वेस्ट के नाम पर लिया गया है। लोग जब अपना रुपया मांगते थे तो चालाकी से अपनी बातों में फंसाते हुए पोस्ट डेटेड चेक देता था, जो कभी कैश नहीं हो पाता था। रमाकांत जिले में खुली कंपनी का डायरेक्टर था। साथ ही लक्ष्मण का मित्र भी है। रमाकांत ने कौशांबी, प्रयागराज व आसपास के जिलों में अकेले काम करता था। रमाकांत ने बताया कि जगदीश के 60 लाख रुपये उसने अपने व पत्नी के खाते में ट्रांसफर करने के बाद रिद्धि कैप्टल के अकाउंट में डालकर लक्ष्मण नारायण के साथ शेयर मार्केट व अन्य ट्रेडिंग कंपनियों में इन्वेस्ट कर दिया है।