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Cyber ​​Crime: गिरफ्तारी से पहले डाटा डिलीट कर देना चाहता है साइबर शातिर, जानिए पूरा मामला

Cyber ​​Crime प्रतापगढ़ के फतनपुर थाना क्षेत्र स्थित भीट विरौरा का पूरा गांव निवासी धीरज मुंबई में रहता था। इसी दौरान वह एक साइबर अपराधी के संपर्क में आया फिर उस गैंग से जुड़ गया। धीरज गरीब बेरोजगारों को लालच देकर उनसे पहचान पत्र समेत दूसरे कागजात ले लेता था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 02:32 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 02:32 PM (IST)
Cyber ​​Crime: गिरफ्तारी से पहले डाटा डिलीट कर देना चाहता है साइबर शातिर, जानिए पूरा मामला
खाता खुलवाने के दौरान वह जामतारा व पश्चिम बंगाल में बैठे साइबर अपराधियों का मोबाइल नंबर देता था।

प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के प्रतापगढ़ से पकड़े गए राहुल पांडेय का भाई शुभम जो साइबर शातिर भी है, वह गिरफ्तारी से पहले पूरा डाटा डिलीट कर देना चाहता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि उसके खिलाफ साइबर क्राइम के कोई साक्ष्य न मिल सके। साइबर सेल की टीम जब अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पहुंची तो पता चला कि शुभम पहले भी फरार हो गया। वह चुपके से मुंबई निकल गया और अपना लैपटाप साथ ले गया है।

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शातिर शुभम का भाई व गैंग का मास्‍टरमाइंड पकड़ा गया

पूछताछ में पता चला है कि शुभम काफी तेज दिमाग का शातिर है। लिहाजा उसने अपने भाई व गैंग के मास्टरमाइंड धीरज की गिरफ्तारी की खबर के बाद बचने के लिए डाटा लैपटाप से डिलीट कर रहा है। प्रतापगढ़ के फतनपुर थाना क्षेत्र स्थित भीट विरौरा का पूरा गांव निवासी धीरज मुंबई में रहता था। इसी दौरान वह एक साइबर अपराधी के संपर्क में आया फिर उस गैंग से जुड़ गया। इसके बाद धीरज गरीब व बेरोजगार लोगों को डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह का लालच देकर उनसे पहचान पत्र समेत दूसरे कागजात ले लेता था। फिर उसी कागजात के आधार पर अलग-अलग बैंकों में दो सौ से अधिक खाते खुलवाए।

पश्चिम बंगाल में बैठे साइबर अपराधियों से जुड़े हैं नेटवर्क

खाता खुलवाने के दौरान वह जामतारा व पश्चिम बंगाल में बैठे साइबर अपराधियों का मोबाइल नंबर देता था। ऐसा इसलिए कि ठगी का पैसा खाते में आने पर शातिर ओटीपी के आधार पर पैसे को ट्रांसफर कर लें। यह काम वह लंबे समय से कर रहा था। इसमें प्रतापगढ़ के रानीगंज दरियापुर गांव का राहुल पांडेय व उसका भाई शुभम भी शामिल थे।

पकड़े गए दोनों अभियुक्‍तों से पुलिस की पूछताछ

राहुल के खाते में देवरिया के एक व्यक्ति का पैसा आया था, जबकि धीरज के नाम पर 22 खाते हैं, जिसमें पैसा डलवाता था। फिलहाल पकड़े गए दोनों अभियुक्तों से पूछताछ चल रही है और उनके गिरोह से जुड़े सदस्यों, कार्यशैली के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। साइबर क्राइम टीम के हत्थे चढ़े साइबर शातिर धीरज पांडेय व राहुल पांडेय नागालैंड से भी वांछित हैं।


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