इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रों के नेतृत्व का संकट Prayagraj News
ऐसे में संयुक्त संघर्ष समिति ने निवर्तमान पदाधिकारियों को ही पद पर बने रहने की मांग की है। इसके लिए छात्र बैठक कर रणनीति बनाने के बाद इविवि प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे।
प्रयागराज,जेएनएन : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में छात्रसंघ और छात्र परिषद की लड़ाई में छात्रों का नेतृत्व करने वाला कोई नहीं है। इसलिए समस्याओं के समाधान के लिए छात्रों की आवाज बुलंद नहीं हो पा रही है। ऐसे में संयुक्त संघर्ष समिति ने निवर्तमान पदाधिकारियों को ही पद पर बने रहने की मांग की है। इसके लिए छात्र बैठक कर रणनीति बनाने के बाद इविवि प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे।
दरअसल, 29 जून को इविवि की कार्य परिषद की बैठक में छात्रसंघ पर प्रतिबंध कर छात्र परिषद चुनाव करने पर मुहर लगी थी। इसके बाद से छात्र परिषद के विरोध में छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया। इसी बीच इविवि प्रशासन ने छात्र परिषद चुनाव की तिथि की घोषणा कर चुनाव की प्रकिया शुरू कर दी। इस पर छात्रों का आंदोलन तेज हो गया। छात्र परिषद चुनाव में नामांकन करने वाले प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया। ऐसे में छात्र परिषद का गठन नहीं हो सका। अब महीनेभर बाद जेल से रिहा होने पर छात्रों ने फिर से आंदोलन को तेज करना शुरू कर दिया है।
छात्रसंघ के निवर्तमान उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने निवर्तमान पदाधिकारियों को ही पद पर बने रहने की मांग की है। अगले शैक्षणिक सत्र में चुनाव के बाद कोई निर्णय लिया जाए। उन्होंने बताया कि संयुक्त संघर्ष समिति बैठक कर रणनीति बनाएगी और इस मसले पर इविवि प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
इविवि प्रशासन की साजिश से तोड़े गए वाहन
संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले मंगलवार को छात्रों ने एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने एसएसपी को बताया कि छात्रसंघ बहाली के लिए 48 दिन के क्रमिक अनशन और आठ दिन के आमरण अनशन के बाद शांति मार्च निकाला गया। इस बीच इविवि प्रशासन और छात्रों में विवाद हो गया। इस पर पुलिस ने 19 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद विश्वविद्यालय परिसर में कुछ वाहन तोड़े गए। इसके आरोप में कुछ छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। बताया कि परिसर में वाहनों का टूटना इविवि प्रशासन की साजिश है, जिससे छात्रसंघ को बदनाम किया जा सके। इविवि प्रशासन के किसी अधिकारी का वाहन न टूटना इस बात का प्रमाण है।
इस दौरान दिनेश यादव, पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव, अदील हमजा, निवर्तमान महामंत्री शिवम सिंह, अतेंद्र सिंह, अहमर इलियास अदनान, सत्यम कुशवाहा, विशाल सिंह, राहुल पटेल, हरिकेश आदि मौजूद रहे।