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Crime in Prayagraj : प्रयागराज की पुलिस परेशान है, आखिर दूसरे जनपद और राज्य के बदमाशाें पर कैसे लगाए अंकुश

Crime in Prayagraj आइजी केपी सिंह कहते हैं कि क्राइम ब्रांच एसओजी और सर्विलांस टीम लगातार संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ट्रेस करती रहती है। दूसरे जनपद के बदमाशों द्वारा जो वारदातें की गईं हैं उनको पकड़ा भी गया है। इन पर शिकंजा कसने की कोशिश की जा रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 08:59 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 08:59 AM (IST)
Crime in Prayagraj : प्रयागराज की पुलिस परेशान है, आखिर दूसरे जनपद और राज्य के बदमाशाें पर कैसे लगाए अंकुश
आइजी कहते हैं कि शिकंजा कसने के लिए और भी कई कोशिश की जा रही है।

प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के प्रयागराज जिले में अपराध लगातार हो रहा है। आए दिन लूट की हो रही छोटी-बड़ी घटनाओं के पीछे दूसरे जनपदों और राज्य के बदमाशों का हाथ होना लगातार सामने आ रहा है। पिछले दिनों लूट की दो बड़ी घटनाओं का पुलिस ने राजफाश किया तो इसमें कई बदमाश प्रतापगढ़ और कौशांबी जनपद के शामिल थे। जबकि गुरुवार को कर्नलगंज पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो लुटेरे मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। यह अलग बात है कि पुलिस ने इनको गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि कहीं न कहीं पुलिस भी अब यह सोचकर परेशान है कि आखिर दूसरे जनपद और राज्य के बदमाशाें पर कैसे लगाम लगाई जाए।

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आसानी से घटना को देते हैं अंजाम

कैंट में सितंबर माह और अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में थरवई में हुई लूट की वारदात का पुलिस ने राजफाश किया था। इसमें कैंट पुलिस द्वारा पकड़े गए पांच बदमाशों में तीन कौशांबी जनपद के थे, जबकि थरवई में हुई घटना में गिरफ्तार दो बदमाश प्रतापगढ़ के थे। इसी प्रकार नवाबगंज, मऊआइमा, फूलपुर, जार्जटाउन, कर्नलगंज समेत कई थाना क्षेत्रों में हुईं लूट की अधिकांश घटनाओं में दूसरे जिले के ही बदमाश शामिल रहे। इन बदमाशों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि दूसरे जिले में आसानी से लूट की घटना कर लेते हैं और पकड़े जाने का डर भी नहीं रहता।

थोड़ी सी उदासीनता पर फाइल हो जाती है बंद

लूट की वारदात के राजफाश को लेकर शुरूआती दौर में पुलिस तेजी से काम करती है। संदिग्धों को पकड़ा जाता है, जगह-जगह दबिश दी जाती है और जब कुछ सामने नहीं आता तो धीरे-धीरे उसकी कार्रवाई ठंडे बस्ते के हवाले होती चली जाती है। हालात ऐसे हो जाते हैं कि फाइल बंद हो जाती है। इसके पीछे यही वजह रहती है कि वारदात में शामिल बदमाश दूसरे जिले या राज्य के होते हैं और पुलिस उनकी यहां तलाश करती रहती है।

आइजी कहते हैं विशेष टीमें रख रहीं नजर

आइजी केपी सिंह का कहना है कि क्राइम ब्रांच, एसओजी और सर्विलांस टीम लगातार संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ट्रेस करती रहती है। दूसरे जनपद के बदमाशों द्वारा जो वारदातें की गईं हैं, उनको पकड़ा भी गया है। इन पर शिकंजा कसने के लिए और भी कई कोशिश की जा रही है।


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