सिपाही की हत्या के मामले में बसपा के पूर्व सांसद उमाकांत यादव को कोर्ट ने भेजा जेल
एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डॉ. बाल मुकुंद ने बसपा के पूर्व सांसद उमाकांत यादव को गुरुवार शाम केंद्रीय कारागार नैनी भेज भेजने का आदेश दिया।
प्रयागराज, जेएनएन। एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डॉ. बाल मुकुंद ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व सांसद उमाकांत यादव को गुरुवार शाम केंद्रीय कारागार नैनी भेज भेजने का आदेश दिया। साथ ही उनकी वारंट रिकॉल अर्जी भी खारिज कर दी। कोर्ट ने 29 फरवरी को गैरजमानती वारंट जारी किया था।
जौनपुर निवासी उमाकांत यादव और उनके सहयोगी सभाजीत पाल, राजकुमार उर्फ रामकुमार, धर्मराज, महेंद्र प्रसाद वर्मा, सूबेदार व बच्चू लाल पर हत्या का मुकदमा चल रहा है। गुरुवार को सभी आरोपित एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए। सुनवाई पर उमाकांत की ओर से वारंट रिकॉल अर्जी देते हुए कहा गया कि वह 29 फरवरी को कोर्ट आए थे। हाई ब्लड प्रेशर और किडनी में इन्फेक्शन के कारण डॉक्टर को दिखाने चले गए थे।
उनके अधिवक्ता ने हाजिरीमाफी की अर्जी दी थी, जिसे खारिज करते हुए कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी किया था। अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता ने वारंट रिकॉल अर्जी का विरोध किया। हालांकि कोर्ट ने सभी आरोपितों का बयान दर्ज करते हुए सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 मार्च तय की।
यह था मामला
चार फरवरी 1995 की बात है। उस समय उमाकांत यादव जौनपुर से विधायक थे। वह जीआरपी चौकी शाहगंज के सामने ड्राइवर रामकुमार यादव, गनर व दो पीआरडी जवान के साथ बेंच पर बैठे थे। उसी दौरान रामकुमार से सीट पर बैठने को लेकर एक शख्स से झगड़ा हुआ। खबर पाकर वहां पहुंचा सिपाही रघुनाथ दोनों पक्षों को पुलिस चौकी ले गया। ड्राइवर रामकुमार को चौकी से छुड़ाने के लिए उमाकांत समेत अन्य लोगों ने फायरिंग की। गोली से सिपाही अजय सिंह की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए। सीबीसीआइडी लखनऊ ने विवेचना कर आरोप पत्र पेश किया था।