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यूपी बोर्ड से संबद्ध कॉलेजों में सीबीएसई की तर्ज पर घटेगा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का पाठ्यक्रम

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) से संबद्ध कॉलेजों में हाईस्कूल व इंटर का पाठ्यक्रम घटाने की तैयारी है। इस असर सीधे तौर पर प्रदेशभर के 27373 की पढ़ाई पर पड़ेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 04:24 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 04:31 PM (IST)
यूपी बोर्ड से संबद्ध कॉलेजों में सीबीएसई की तर्ज पर घटेगा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का पाठ्यक्रम
यूपी बोर्ड से संबद्ध कॉलेजों में सीबीएसई की तर्ज पर घटेगा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का पाठ्यक्रम

प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) से संबद्ध कॉलेजों में हाईस्कूल व इंटर का पाठ्यक्रम घटाने की तैयारी है। इस असर सीधे तौर पर प्रदेशभर के 27,373 की पढ़ाई पर पड़ेगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की तर्ज पर पाठ्यक्रम में 20 से 30 प्रतिशत कम करने का प्रस्ताव किया जा रहा है, इस पर अंतिम मुहर शासन स्तर से लगेगी। संकेत हैं कि जुलाई माह में अंतिम रूप से निर्णय लिया जाएगा।

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कोरोना के निरंतर बढ़ते संक्रमण ने वैसे तो हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। सबसे अधिक परेशानी स्कूल-कॉलेजों के संचालन में आ रही है। शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से ही शुरू हो चुका है लेकिन, अब तक स्कूल-कालेज खुल नहीं सके हैं और छात्र-छात्राओं के लिए जल्द खुलने के हालात भी नहीं है। हालांकि पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए ऑनलाइन माध्यम को अपनाया गया है इसके बाद भी उस गति से पढ़ाई नहीं हो सकी है, जैसी होने की अपेक्षा है। इसीलिए पाठ्यक्रम को कम करने पर मंथन शुरू हुआ। ज्ञात हो कि सीबीएसई ने पिछले माह ही सिलेबस घटाने के संकेत दिए थे और वहां पर इस दिशा में कार्य शुरू हो चुका है। यूपी बोर्ड में भी सीबीएसई का ही पाठ्यक्रम लागू है।

यूपी बोर्ड प्रशासन ने 27 जून को हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 का परिणाम जारी किया। शासन के निर्देश पर उसके अगले ही दिन शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय खुद बोर्ड मुख्यालय पहुंचे। तीन दिन से वे लगातार पाठ्यचर्या समिति (पाठ्यक्रम बनाने वाले) के सदस्यों व विशेषज्ञों से पाठ्यक्रम कम करने पर मंथन कर रहे हैं। इसमें बोर्ड सचिव, विशेष कार्याधिकारी व अन्य अफसर लगे हैं।

सूत्रों की मानें तो हाईस्कूल व इंटर के अहम विषयों का पाठ्यक्रम दो तरह से कम करने पर सहमति बनी है। सिलेबस को करीब 20 प्रतिशत व 30 फीसद कम करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। दोनों प्रस्ताव शासन को भेजे जा रहे हैं और वही इस पर अंतिम निर्णय लेगा। इसीलिए बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा विभाग का कोई अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। उनकी ओर से सिर्फ यही कहा जा रहा है कि शासन की मंशा पर कार्य कर रहे हैं, जो भी निर्णय होगा जल्द ही सार्वजनिक होगा।

ज्ञात हो कि सीबीएसई की ओर से पाठ्यक्रम कम करने के ऐलान के बाद उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा था कि अभी पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। असल में सीबीएसई व यूपी बोर्ड में एक ही पाठ्यक्रम की पढ़ाई होने से बोर्ड प्रशासन की भी जिम्मेदारी हो गई थी कि वह भी सिलेबस कम करे।


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