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परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों पर भी खतरा, सुरक्षा किट के बिना ही कर रहे Coronavirus संक्रमितों की पहचान

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिला संयुक्त मंत्री अफरोज अहमद ने डीएम व बीएसए को पत्र लिखकर इस तरफ ध्यान आकर्षित किया है। उन्‍होंने कहा है कि वर्तमान में कुल 250 शिक्षक कोविड सर्वे ड्यूटी कर रहे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 01:41 PM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 05:13 PM (IST)
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों पर भी खतरा, सुरक्षा किट के बिना ही कर रहे Coronavirus संक्रमितों की पहचान
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिला संयुक्त मंत्री ने कोविड सर्वे ड्यूटी में लगे शिक्षकों की समस्‍या बताई है।

प्रयागराज, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी इन दिनों डोर-टू-डोर सर्वे में लगाई गई है। ये सभी अध्यापक मेडिकल मोबाइल यूनिट के साथ क्षेत्र में जाते हैं और कोरोना संक्रमितों का पता लगा रहे हैं। यहां विशेष बात यह कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के पास तो कुछ सुरक्षा संबंधी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि शिक्षकों को इन सबकी सुविधा नहीं दी गई है। उनकी ड्यूटी करीब 12 घंटे की हो रही है।

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प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन गंभीर

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिला संयुक्त मंत्री अफरोज अहमद ने डीएम व बीएसए को पत्र लिखकर इस तरफ ध्यान आकर्षित किया है। उन्‍होंने कहा है कि वर्तमान में कुल 250 शिक्षक कोविड सर्वे ड्यूटी कर रहे हैं। विकास प्राधिकरण को कुल 12 जोन के 100 सेक्टरों में बांटा गया है। सभी इलाकों में टीमें प्रतिदिन जा रही हैं और लोगों के सैंपल भी ले रही हैं।

अध्‍यापकों को अधिकारी नहीं मुहैया करा रहे सुरक्षा किट

इसके लिए हर सुबह केपी इंटर कॉलेज मैदान से ड्यूटी के लिए शिक्षक अपनी टीम के साथ रवाना हो रहे हैं। इसके बावजूद किसी अधिकारी ने उन्हें सुरक्षा संबंधी न तो दस्ताने दिए और न ही कोई अन्‍य सुरक्षा उपकरण ही दिए। सभी कर्मचारी व शिक्षक एंटीजन व आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल जुटाते हैं। यह संक्रमण की वजह बन सकती है।

15 दिन तक आइसोलेशन की अनुमति मिले

शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को संक्रमण बचाने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक 15 दिन पर उन्हें बदल दिया जाए। सभी कर्मचारियों व शिक्षकों को 15 दिन आइसोलेट रखा जाए, जिससे उनके जरिए संक्रमण फैलने की संभावना को कम किया जाए। इन कर्मचारियों की ड्यूटी के घंटे भी कम करते हुए मात्र आठ घंटे की जाए। खास बात यह कि ये सभी शिक्षक पूर्व में रेलवे स्टेशनों पर कोरोना ड्यूटी कर चुके हैं। अब उन अध्यापकों को भी इस ड्यूटी में लगाया जाए, जिन्होंने पूर्व में ड्यूटी नहीं की है।


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