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Coronavirus Effect in Prayagraj: कोरोना संक्रमण बढ़ने से सभी ऑफलाइन प्रशिक्षण बंद, बेसिक शिक्षा विभाग का निर्णय

Coronavirus Effect in Prayagraj बीएसएस संजय कुशवाहा ने बताया कि स्कूल शिक्षा महानिदेशक की तरफ से निर्देशित किया गया है कि कोविड-19 से बचाव संबंधी सभी निर्देशों का सख्मी से पालन किया जाए। अब कोई भी प्रशिक्षण अगले आदेश तक ऑफलाइन नहीं होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 09:58 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 09:58 AM (IST)
Coronavirus Effect in Prayagraj: कोरोना संक्रमण बढ़ने से सभी ऑफलाइन प्रशिक्षण बंद, बेसिक शिक्षा विभाग का निर्णय
कोरोना संक्रमण की वजह से बेसिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन प्रशिक्षण पर रोक लगाई है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। महामारी ने गंभीर स्थिति उत्‍पन्‍न कर दी है। कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी ऑफलाइन प्रशिक्षण अगले आदेश तक बंद कर दिया है। शिक्षक संकुल और बीआरसी पर प्रधानाध्यापकों की होने वाली विभागीय बैठकें भी अब ऑनलाइन कराई जाएंगी। 

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बीएसएस संजय कुशवाहा ने बताया कि स्कूल शिक्षा महानिदेशक की तरफ से निर्देशित किया गया है कि कोविड-19 से बचाव संबंधी सभी निर्देशों का सख्मी से पालन किया जाए। अब कोई भी प्रशिक्षण अगले आदेश तक ऑफलाइन नहीं होगा। किसी भी तरह की बैठक यदि आयोजित की जाएगी तो वह ऑनलाइन होगी। इसके लिए जूम एप या फिर वीडिया कॉलिंग का प्रयोग किया जाएगा। यदि किन्हीं कारणों से ऑनलाइन बैठकें नहीं हो सकेंगी तो उनमें शामिल होने वालों की संख्या बहुत सीमित रखी जाएगी। बैठक में आने वाले लोगों को कोविड-19 से बचाव संबंधी सभी दिशानिर्देशों का भी पालन करना होगा। 

अवसाद में आ रहे शिक्षक व विद्यार्थी

कोरोना के लगातार बढऩे से विद्यार्थियों व शिक्षकों में अवसाद की स्थिति पैदा हो रही है। कई शिक्षक व विद्यार्थी संक्रमित भी हो चुके हैं। स्थिति से निपटने के लिए लोगों को मनोविज्ञानियों की भी मदद लेनी पड़ रही है। 

मनोविज्ञानी ने दिए टिप्‍स और सलाह

मनोविज्ञानी डॉ. कमलेश त्रिपाठी का कहना है कि डरें नहीं। सचेत रहें। कोविड-19 से बचाव संबंधी प्रोटोकाल का पालन सख्ती से करें। बहुत अधिक डराने वाली खबरों से बचें। दूसरों को भी वायरस से संबंधित सुझाव न दें। ऐसा इसलिए कि सभी की मानसिक क्षमता एक सी नहीं होती, कुछ डिप्रेशन अर्थात अवसाद का शिकार हो सकते हैं। हर सुबह-शाम सकारत्मक सोच के साथ नियमित रूप से व्यायाम या योग करें। जितना संभव हो संगीत सुनें, अध्यात्म, भजन आदि भी सुन सकते हैं। बच्चों के साथ बोर्ड गेम खेलें, परिवार के साथ बैठकर आने वाले वर्षों के लिए कार्य योजना बनाएं। 

इन सावधानियों को भी अपनाएं

अपने हाथों को नियमित अंतराल पर अच्छे से धोएं। सभी वस्तुओं की सफाई भी करें। किसी भी नव आगंतुक को एक मीटर दूर से मिलें। आपकी नकारात्मक सोच को छोड़ें। यह आप को डिप्रेशन की ओर ले जाएगी। इससे वायर से लडऩे की क्षमता भी कम होगी। खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। विश्वास रखें कि सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा। आप भी स्वस्थ रहेंगे।


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