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हाई कोर्ट का अहम आदेश, कोर्ट बंदी के दौरान खत्म नहीं होगी मुकदमा दाखिल करने की मियाद

Coronavirus Effect हाई कोर्ट की ओर से कहा गया है कि ऐसे मुकदमों में याचिका दाखिल करने की मियाद कोर्ट खुलने तक मान्य होगी। इसलिए कोई परेशान न हो।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2020 11:44 PM (IST)Updated: Tue, 24 Mar 2020 11:44 PM (IST)
हाई कोर्ट का अहम आदेश, कोर्ट बंदी के दौरान खत्म नहीं होगी मुकदमा दाखिल करने की मियाद
हाई कोर्ट का अहम आदेश, कोर्ट बंदी के दौरान खत्म नहीं होगी मुकदमा दाखिल करने की मियाद

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोर्ट बंदी के दौरान मुकदमे दाखिल करने की खत्म हो रही मियाद को लेकर अहम आदेश दिया है। हाई कोर्ट की ओर से कहा गया है कि कोर्ट खुलने की तारीख तक ऐसे मुकदमों की मियाद खत्म नहीं होगी।

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इसे इस तरह समझ सकते हैं कि यदि किसी मामले में जिला अदालत ने फैसला दिया और एक पक्ष उसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करना चाहता है तो इसके लिए आदेश होने से तीन माह की समय सीमा तय है। इस समय हाई कोर्ट कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए बंद है तो याचिका दाखिल नहीं हो सकती। हाई कोर्ट की ओर से कहा गया है कि ऐसे मुकदमों में याचिका दाखिल करने की मियाद कोर्ट खुलने तक मान्य होगी। इसलिए कोई परेशान न हो।

असल में, अब सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 141 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए देश के सभी न्यायालयों के लिए सामान्य समादेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 15 मार्च से अगले आदेश तक कोर्ट बंदी के दौरान मुकदमे दाखिल करने की मियाद जारी रहेगी। मुकदमे दाखिल करने की मियाद समाप्त होने के बावजूद कोर्ट खुलने पर दाखिले की अनुमति दी जाएगी। कोर्ट के इस फैसले से जनता को बड़ी राहत मिली है।

कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इलाहाबाद हाई कोर्ट में 28 मार्च तक अवकाश घोषित किया गया है। हाई कोर्ट ने 23 मार्च को आदेश जारी किया था कि कोर्ट बंदी के दौरान मुकदमे की मियाद खत्म होने की स्थिति में उसके (कोर्ट के) खुलने पर दाखिले की अनुमति मिलेगी। देरी से दाखिल होने के आधार पर मुकदमे खारिज नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे कानूनी आधार भी मिल गया है।


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