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Coronavirus Prayagraj News : होम क्‍वारंटाइन रहकर बने कोरोना विजेता, जानिए कैसे घरवालों को संक्रमण से बचाया

Coronavirus Prayagraj News कोरोना पॉज़िटिव से निगेटिव होने तक के सफर में मैंने यही जाना की कोरोना को हराना है तो एहतियात के साथ सकारात्मक रहना बेहद जरूरी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 03:46 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 03:46 PM (IST)
Coronavirus Prayagraj News :  होम क्‍वारंटाइन रहकर बने कोरोना विजेता, जानिए कैसे घरवालों को संक्रमण से बचाया
Coronavirus Prayagraj News : होम क्‍वारंटाइन रहकर बने कोरोना विजेता, जानिए कैसे घरवालों को संक्रमण से बचाया

प्रयागराज,जेएनएन।   जनपद में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वस्थ होने वालों की तादात में लगातार बढ़ोत्तरी सकारात्मक उम्मीद पैदा कर रही है। कोरोना को मात देने वाले ऐसे ही चैंपियन हैं वीरेंद्र। वीरेंद्र की उम्र महज 38 साल है। उनके संयुक्त परिवार में कुल 24 लोग हैं, जिसमें 12 बच्चे व एक बुजुर्ग भी शामिल हैं। वीरेंद्र को कोरोना का संक्रमण अपने मित्र के संपर्क में आने से हुआ। इसकी वजह से उन्हें करीब 12 दिन होम-क्वारंटाइन रहना पड़ा, पर उनकी सूझ-बूझ से कोरोना का संक्रमण परिवार के किसी अन्य सदस्यों तक नहीं पहुंचा।

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दोस्‍त के पॉजिटिव आने पर कराई जांच तो मिले संक्रमित

 वीरेंद्र ने बताया कि “प्रयागराज के मेरे साथी अवधेश (काल्पनिक नाम) कोरोना पॉज़िटिव थे, इसकी जानकारी उन्हे भी नही थी। मैं उनसे पिछले दिनों मिला था जिसके दूसरे ही दिन सुबह मैं अपने कार्यालय के काम से अपने दो अन्य मित्रों व ड्राइवर के साथ चित्रकूट चला गया। जहां पहुँचने के बाद अवधेश ने सोशल मीडिया पर खुद के कोरोना पॉज़िटिव होने की पुष्टि की और अपने संपर्क में आए लोगों को जांच करवाने की अपील की। इसके बाद मैं अपने सभी साथियों के साथ प्रयागराज रवाना हो गया। हमने प्रयागराज के केपी ग्राउंड में राज्य सरकार के कैंप में अपनी कोरोना जांच करायी, जिसमें ड्राइवर सहित हम सभी कोरोना पॉज़िटिव पाए गए।

इस तरह से होम आइसोलेशन में रखा खुद का ख्‍याल

इसके बाद मैं स्वास्थ विभाग के आदेशानुसार अपने घर के ही एक कमरे में क्वारंटीन हो गया। घर वालों से उचित शारीरिक दूरी बनाएं रखी। फिर प्रशासन के आला अधिकारियों ने मुझसे “यूपी होम आइसोलेशन” ऐप डाउनलोड करवाया व मुझे एक हेल्थ किट भिजवायी । जिस किट में जांच संबंधी उपकरण, विटामिन ‘सी’ व मल्टी विटामिन की दवा, गिलोय की धनवटी, मास्क व अन्य जरूरी सामान थे। जिसका सेवन मैंने नियमित रूप से किया और किट में मिले उपकरण की सहायता से अपनी  रुटीन जांच कर प्रतिदिन की रिपोर्ट अप्लीकेशन के माध्यम से चिकित्सकों तक भेजता रहा। इस दौरान मैं अपने परिवार से फोन पर अपने स्वास्थ की हर जानकारी उनको देता रहा। मेरे सकारात्मक रवैये ने परिवार का हौसला बरकरार रखा। मैंने ऑनलाइन योगा क्लास जॉइन की व मनोरंजन के लिये फिल्मों और किताबों की मदद ली जिसने मुझे जरा भी अकेलेपन का एहसास नहीं होने दिया। इसके बाद मेरे स्वास्थ को लेकर होते सुधार व किसी भी प्रकार के कोरोना लक्षण के ना मिलने के बाद मुझे 12 दिनों के अंदर दो बार चिकित्सकों ने कोरोना निगेटिव करार दिया।

कोरोना को हराना है एहतियात के साथ सकारात्‍मकता जरूरी

मैंने फैसला किया है कि मैं एक हफ्ते और होम क्वारंटीन रहूँगा। मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे अन्य साथी भी कोरोना निगेटिव हो गए हैं। कोरोना पॉज़िटिव से निगेटिव होने तक के सफर में मैंने यही जाना की कोरोना को हराना है तो एहतियात के साथ सकारात्मक रहना बेहद जरूरी है।


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